उन्होंने सोशल प्लेट फार्म पर पोस्ट लिखी। जिसे देखकर राजकुमार राठौर आगे आए। पूरी बात पता की और अपने मित्रों दीपेंद्र ठाकुर, दुर्गेश गौड को साथ लिया और फिर गाय की बछिया को उसकी मां से मिलवा दिया। गौ साला में बछिया की करुण पुकार सुनकर उसकी मां दौड़ी चली आई। इधर दीपेंद्र ठाकुर, दुर्गेश गोड, राजकुमार राठौर के साथ हरीश जी के चेहरे पर संतोष का एहसास नजर आ रहा था।
धमाका डिफरेंट: मां को पकड़कर ले गए गौ शाला तो फूट फूट कर रोई बछिया, जागरूक राजकुमार ने देखा तो मिलवाया गऊ मां से
शिवपुरी। मां की ममता वाकई निराली होती हैं। फिर वह इंसान में नजर आए या पशुओं में। बीते रोज कुछ ऐसा ही हुआ जब नगर की वीआईपी रोड से नपा का अमला गायों को पकड़कर ले गया। आवारा मवेशी के इस धर पकड़ अभियान में एक गऊ मां भी पकड़कर गौ शाला पहुंचा दी गई लेकिन पीछे छूट गई एक बछिया। मां से बिछड़ी तो पुकारते पुकारते रोने लगी। इसी बीच जब उस पर हरीश अग्रवाल की नजर पड़ी तो
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