डिंडोरी। जिले में मत्स्य विभाग के अधिकारी और पूंजीपतियों ठेकेदारों की मिली भगत से परंपरागत मछुवारों को दरकिनार कर फर्जी लोगों की समिति बनाकर उन्हें लाभ पहुंचाने की जानकारी सामने आई है जबकि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने 20 जनवरी 2022 को कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में आदेशित किया है की फर्जी लोगों व ठेकेदारों पर कारवाही कर परंपरागत तौर से मछली पालन करने वाले परिवारों को ही तालाब जलाशय दिए जाए परंतु आदेश के लगभग ग्यारह महीने बाद भी सहायक संचालक डिंडोरी द्वारा फर्जी लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। डिंडोरी जिले के अधिकांश जलाशयों में मंडला व जबलपुर के मछली माफियाओं का कब्जा है जिनके द्वारा बिहार के मछली पकड़ने वालों को बुलाकर मछली पकड़वाई जाती है जिसके लिए मछली माफियाओं द्वारा मछली पालन व सहकारिता विभाग के अधिकारियों से सांठ गांठ कर फर्जी लोगों की समितियां बनाकर जलाशय में कब्जा किये जाने की बातें सामने आती रही हैं जिसके चलते जिले के मछुवारे बेरोजगार होकर भटकने को मजबूर हैं। ग्रामीणों की माने तो जिले के सबसे बड़े बांध बिलगांव जलाशय पर भी फर्जी बाड़े का बहुत बड़ा खेल खेला गया है जिसकी शिकायत स्थानीय मछुवारों द्वारा मुख्यमंत्री मप्र शासन व प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण विभाग भोपाल को की गई जिसमें मछुवारों द्वारा फर्जी लोगों को समिति से हटाने व संस्था का रिकॉर्ड मछुवारों को सौंपने की मांग की है। जिस पर करवाही करने हेतु सहायक संचालक डिंडोरी को आदेशित किया गया है परंतु सहायक संचालक डिंडोरी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की। बात की जाय तो बिलगांव जलाशय में मछली पालन करने हेतु बनाई गई समिति अमीर पूंजीपतियों को समिति में सदस्य बनाया गया है जिनको न मछली पकड़ना आता न वे मछली का काम जानते उन्हे लाभ पहुंचाया जा रहा है।
आखिर यह बात समझ परे है कि जिम्मेदार अधिकारी सरकार एवं नीति निर्देशों की अवहेलना कर क्यों रहे हैं क्या इन्हे कोई राजनेताओ का संरक्षण प्राप्त है या उच्य अधिकारियों द्वारा कार्यवाही का आदेश सिर्फ दिखावा है यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि मछली पालन मंत्री के विभागो से कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं।
श्योपुर, बैराड़ में भी गड़बड़ी
जिला श्योपुर से शैलेष बाथम आरटीआई activist द्वारा की गई शिकायत में मत्सय उधोग जय काली मां मछुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष मातादीन जाटव द्वारा बिहार की पार्टी को बुलाकर अपर ककेटा बांध में जाल डलवाये गए। इसकी शिकायत शैलेष बाथम द्वारा एसडीएम को दी गई एवं सहायक संचालक की टीम ने दिनाक 22 दिसंबर को शाम 7 बजे छापामारी कारवाई कर बिहार की पार्टी के जाल जब्त किऐ एवं इंजन बोट जब्त की गई पर अभी तक इस मामले मे कोई एफआईआर नही की गई हैं इससे सहायक संचालक लक्ष्मि नारायण बामोरिया और आला अधिकारीयों की निष्ठा पर आंच आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक स्थानीय मछुआरे को किसी प्रकार का रोजगार एवं मछली मारने नही दी जाती है जबकि राज्य से बाहर की पार्टी को बुलाकर मछली निकाली जाती है जिससे शासन को लाखों रूपय का राजस्व का घाटा हो रहा है। जो की पूरी तरीके से मछुआ नीति 2008 के विरोध में है इसलिए संबंधित के खिलाफ विभाग को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। बता दें की कुछ जाल जब्त कर पंचनामा बनाकर मत्सय पालन विभाग सहायक संचालक लक्षमी नारायण बामोरिया श्योपुर अधिकारी अपनी पीठ धपधपा रहे है जबकी इस मामले की गहराई से अगर जाच की जाए तो आई अधिकारी इसमे दोषी पाए जाऐगे!

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