दिल्ली। चीन सहित दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव राजीव भूषण ने मंगलवार को NCDC और ICMR को चिट्ठी लिख भेजी है. सरकार ने कहा है कि कोविड के नए वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है. स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को भी निर्देश देते हुए कहा है कि सभी राज्य कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान दें. ये निर्देश इसलिए जारी किए गए हैं कि
कोरोना का ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट चीन में कहर बरपा रहा है. दुनिया भर में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार ने भी सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है. वहीं अमेरिका ने भी इसको लेकर चिंता व्यक्त की है.
आइए जानते हैं क्या है ऑमिक्रॉन का सबवैरिएंट BF.7
सबवैरिएंट BF.7 से दुनिया भर के देश अलर्ट मोड पर आ गए हैं. चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी ने नए साल 2023 से पहले एक बार फिर चीन में कहर मचा दिया है और वहां हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं. यही वजह हैं की दुनिया भर में कोविड-19 का प्रकोप बढ़ने के संकेत मिलते ही भारत सरकार अलर्ट हो गई है. भारत सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों को निर्देश देते हुए कोरोना सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग पर ध्यान देने के लिए कहा है.
रिपोर्टस की मानें तो कोविड जीरो पॉलिसी हटने के बाद चीन में कोरोना से हालात बेकाबू हैं. कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन में अस्पतालों के बाहर लंबी लाइन लगी हुई हैं.
ऑमिक्रॉन का सबवैरिएंट BF.7 जो चीन में कहर बरपा रहा है कितना खतरनाक है और इसके लक्षण क्या हैं
क्या है ओमिक्रॉन का सब - वैरिएंट BF.7
कोविड-19 की उत्पति के बाद 2021 में इसके कई सब-वैरिएंट विकसित हुए. इसी में से एक सबवैरिएंट BF.7 है जो बहुत तेजी से संक्रमण फैलाने में सक्षम है.
रिपोर्ट के अनुसार, ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट BF.7 ही चीन में कहर बरपा रहा है जिसकी वजह से देश के कार्यालयों और सार्वजनिक स्थान सुनसान पड़ गए हैं. वहीं, अस्पताल एक बार फिर से मरीजों की लंबी कतारों से पटा हुआ है..
लाइव साइंस के अनुसार, BF.7 सब-वैरिएंट BA.5.2.1.7 का ही शॉर्ट फॉर्म है. BA.5.2.1.7, BA. 5. का ही उप वंश है. ऐसा माना जा रहा है कि BF.7 सबवैरिएंट, BA. 1 और BA. 2 जैसे ओमिक्रॉन के अन्य सबवैरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाने में सक्षम है.
इम्यून से बचने में भी सक्षम
बीजिंग के Xiaotangshan अस्पताल के चिकित्सा विशेषज्ञ ली टोंगजेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि इस वैरिएंट में इम्यून सिस्टम से बच निकलने (इम्यून एस्केप) की भी क्षमता बहुत ज्यादा है. जब कोरोना का ये सब वैरिएंट हमला करता है तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे शरीर में फैलने से रोकने में सक्षम नहीं होती है.
चिकित्सा विशेषज्ञ ने बताया कि चूंकि, BF.7 का संक्रमण काल ( incubation period) बहुत कम है यानी यह किसी भी व्यक्ति को बहुत कम समय में ही संक्रमित कर देता है और इसकी संक्रमण दर भी तेज है, इसलिए चीन में कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढ़ रहे हैं.
आर फैक्टर भी ज्यादा
ली टोंगजेंग ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट में जहां R फैक्टर (reproduction number) लगभग 5 से 6 होता है, जबकि ओमिक्रॉन BF.7 में R फैक्टर 10 से अधिक है. R फैक्टर का मतलब यह है कि एक व्यक्ति कितने और व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है. डेल्टा वैरिएंट में ये संख्या जहां 5 से 6 है. जबकि ओमिक्रॉन के BF.7 में ये संख्या 10 से 18 है.
क्या हैं लक्षण
कोरोना के ओमिक्रॉन BF.7 सब - वैरिएंट से भी संक्रमित होने के बाद लक्षण अन्य वैरिएंट के समान ही हैं. इसमें मरीजों को खांसी, गले में खराश, बुखार, थकावट, नाक बहना, उल्टी जैसे लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं.
कई बार इससे संक्रमित व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं होता है यानी कि वो एसिम्टोमेटिक होते हैं. जिसके कारण वायरस फैलने का ज्यादा डर रहता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के डरावने अनुमान
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले कुछ महीनों में चीन की 60% और दुनिया की 10% आबादी इससे संक्रमित हो सकती है. महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग ने आशंका जताई है कि कोरोना इस लहर में दस लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है.
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