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धमाका डिफरेंट: जादुई अंदाज में फुटबॉल खेलने वाले मुकेश वसिष्ठ को नाम मिला मेराडोना, छह नोकरी भी दिलाई फुटबॉल ने लेकिन चुना व्यवसाय, पढ़िए 13 साल से 53 की उम्र तक फुटबॉल थामे इस राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी की कहानी

बुधवार, 4 जनवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। वैसे तो शिवपुरी प्रतिभाओं की खान है। शिक्षा और खेल जगत के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होकर देश ही नहीं विदेश में शिवपुरी के होनहारों ने झंडे गाड़ रखे हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो शिवपुरी में ही रहते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ करने की तमन्ना रखते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की नगर के बर्तन व्यवसाई मुकेश वसिष्ठ उन्हीं जांबाज खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने जादुई अंदाज में फुटबॉल खेलते हुए जिले मेंमेराडोना नाम से पहचान स्थापित की और जब राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उन्हें प्रतिभा दिखाने का मोका मिला तो उन्हे एक नहीं बल्कि छह शासकीय सेवाओं में चुना गया। हालाकि पारिवारिक कारणों से उन्होंने खुद के व्यवसाय को चुना और आज नगर के गांधी चौक पर मधुर दुकान पंडितजी बर्तन हाउस के मालिक हैं। 
व्यवसाय सफल फिर भी फुटबॉल के लिए कुछ भी करेगा मुकेश
जुनून इंसान को सफलता के शिखर तक ले जा सकता है, ये मुकेश ने साबित किया है। उनका फुटबॉल के प्रति समर्पण ही है की वे ज्यादातर समय फुटबॉल को देते हैं। पोलो ग्राउंड पर छोटे छोटे बच्चों को वे फुटबॉल सिखाते हैं। कोच बतौर फुटबॉल की बारीकियां बताते हैं। 
इंटरसिटी टूर्नामेंट में फिर छाए मेराडोना
नगर में श्रीमंत राजमाता विजया राजे सिंधिया की स्मृति में बीते दिनों आयोजित राज्य स्तरीय इंटरसिटी फुटबॉल टूर्नामेंट में 13 साल की उम्र से फुटबॉल खेलते आ रहे मुकेश वसिष्ठ ने अपनी 53 साल की उम्र को पछाड़ते हुए कमाल कर डाला। छह गोल करते हुए अपने बूते पर अपनी टीम को फाइनल तक ले गए थे। 
पूछा तो बताया फुटबॉल के साथ अपना सफर
 मुकेश ने बताया की उन्हें बचपन से ही फुटबॉल खेलने में रूचि थी। उनका परिवार खेल से जुड़ा हुआ था। वह 7 घंटे मैदान पर मेहनत करते थे। 1983 में 13 साल की उम्र में पहली बार उनका चयन संभाग स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता के लिये हुआ। 1984 से 1988 तक स्कूल स्तर पर 4 बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का प्रतिनिधित्व किया। 1987-88 में राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुऐ शानदार 7 गोल करने पर भारतीयम स्कूल टीम की ओर से उनका चयन हुआ। इस प्रतियोगिता का आयोजन श्रीलंका में हुआ था। 19 वर्ष में मुकेश को बेहतरीन प्रदर्शन के बूते पर सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर के लिए चुन लिया था। कॉलेज स्तर पर भी मुकेश ने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया है। जबकि ओपन प्रतियोगिता में भी मुकेश ने ऑल इण्डिया स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया। कुलमिलाकर फुटबॉल के लिए मुकेश आज भी पूरी तरह समर्पित हैं और रात दिन मेहनत से जुटे हुए हैं। 


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