प्रवासी भारतीय दिवस पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का देवी अहिल्याबाई जी की नगरी इंदौर में हुआ आगमन
इंदौर। इंदौर के लिए सोमवार ऐतिहासिक दिनों में शामिल हो गया। देवी अहिल्याबाई की नगरी में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में PM मोदी ने कहा, इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है, इंदौर अद्भुत है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। PM मोदी आज 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन इंदौर आए हैं।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के विशाल हॉल में मोदी मंच पर पहुंचे तो मोदी-मोदी के नारे सुनाई दिए। मोदी ने कहा, आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएं। 4 साल के बाद यह सम्मेलन एक बार अपने मूल स्वरूप और भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की मुलाकात और बात का अलग आनंद और महत्व होता है। NRI की तरफ मुखातिव होते हुए मोदी ने कहा एमपी में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा यहां बहुत कुछ है जो आपकी यात्रा को अविश्वमरणी बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।
इंदौर की तारीफ करते हुए कहा PM ने कहा
कि इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबुदाने की खिचड़ी, कचौरी, समोसे, शिकंजी ...जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं उतरा। जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और दूसरों को भी अपने देश जाकर बताना नहीं भूलेंगे।
दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो वासुदेव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दूसरे देशों में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब हमारा विश्व आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रैंड एम्बेस्डर कहता हूं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और मार्गदर्शन से हमें अपने लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी।
CM शिवराज ने कहा, हॉल छोटा पड़ गया, दिल में बहुत जगह
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आजादी के अमृत काल में मुझे ऐसा लग रहा है कि मध्यप्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है। इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे भी खोले हैं और अपने घरों के दरवाजे भी खोले हैं। प्रधानमंत्री के एक-एक मंत्र को मध्यप्रदेश ने साकार करने की कोशिश की है। आज भारत दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दे रहा है। पश्चिमी देश और रूस से अगर कोई कह सकता है तो वे केवल नरेंद्र मोदी जी हैं, जिन्होंने कहा कि युद्ध नहीं, शांति चाहिए। सीएम ने कहा- भारत में दो नरेन्द्र हुए हैं...100 साल पहले एक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद जी थे जिन्होंने भारत को विश्व गुरु बताया था। आज दूसरे नरेंद्र के नेतृत्व में ये कार्य हो रहा है। भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।
सुरीनाम के राष्ट्रपति बोले, हमारे देश में हम हिंदी लैंग्वेज ट्रेनिंग पर काम कर रहे
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपनी बात की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की, प्रधानमंत्री आपको हृदय से मेरा नमस्कार और प्रणाम। हम अपने देश में हिंदी लैंग्वेज, यहां के कल्चर, आयुर्वेद पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर काम कर रहे हैं। हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर भी हमारा फोकस है। ये एक मेमोरेबल पल है। जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। सूरीनाम की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का आभार प्रकट करता हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा ।
गुआना के राष्ट्रपति मोदी से बोले, हमारे बीच दूरियां, लेकिन दिल - आत्माएं जुड़ी हैं
गुआना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। खासकर वैक्सीनेशन की। उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि इंडिया का फ्रीडम स्ट्रगल दूसरे देशों के लिए इंस्पायरिंग है। मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले, लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे। उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है। हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से
काफी कुछ सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हमारे बीच दूरियां बहुत हैं, लेकिन दिल और आत्माएं जुड़ी हुई हैं। मैं यहां भारतीयों के मिले प्रेम का आभारी हूं। गुआना के लोगों का प्यार और सपोर्ट आपके साथ है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन का दूसरा दिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर सुबह 11 बजे पहुंचे। खराब मौसम के कारण निर्धारित समय से लेट हो गए। उन्हें सुबह 10 बजे आना था। एयरपोर्ट पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री उषा ठाकुर, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने PM को रिसीव किया।
सुबह 10.15 बजे मॉरिशस से आए एक NRI की ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में तबीयत बिगड़ गई। ऐसा बताया गया कि उन्हें अटैक आया। तुरंत उन्हें मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराई गई।
सुबह 9.45 बजे हॉल फुल होने पर एंट्री बंद कर दी गई। हॉल की कैपेसिटी 2200 लोगों के बैठने की है। 3000 से ज्यादा लोग पहुंए गए। कुछ NRI जबरदस्ती गेट खोलकर घुसे। उन्हें बड़े गेट पर फिर रोका गया। धक्कामुक्की में दो लोगों को हाथ में चोट आई है।
लंच खुद होस्ट किया PM मोदी ने
दोपहर 1 बजे से लंच हो रहा है। इसे PM खुद होस्ट कर रहे हैं। लंच में 102 गेस्ट शामिल हैं। इनमें गुआना से राष्ट्रपति सहित 4, सूरीनाम के राष्ट्रपति सहित 5, ऑस्ट्रेलिया से जेनेटा मस्केरेन्हैंस, पनामा से 3, मलेशिया से 2, मॅरीशस से 7, UK से मेयर ऑफ साउथ वॉक सुनील चोपड़ा, 24 पेनलिस्ट और 27 प्रवासी भारतीय सम्मान लेने वाले शामिल होंगे।
इनके अलावा केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, मनसुख मांडविया, वी. मुरलीधरन, मीनाक्षी लेखी, राजकुमार रंजन सिंह, विदेश सचिव विनय क्वात्रा सहित 10 और मप्र से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद शंकर लालवानी, एसीएस मोहम्मद सुलेमान और दो फ्रेंड्स ऑफ MP के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
आइए जानिए क्या हैं, क्यों मनाते हैं प्रवासी भारतीय सम्मेलन
देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है, जिससे दुनिया को उनकी ताकत का अहसास हो सके। देश के विकास में भारतवंशियों का योगदान अविस्मरणीय है इसलिए साल 2015 के बाद से हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जाता है।
इस बार 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन 9 जनवरी को मध्य प्रदेश के इंदौर में हो रहा है। इंदौर में तीन दिनों तक चलने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का 08 जनवरी को आगाज हुआ था। 17वें प्रवासी भारतीय दिवस की थीम “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार” है और दुनियाभर से आए प्रवासी भारत की प्रगति के भागीदार बन रहे हैं। देश में सबसे पहले 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया था।
बता दें कि इस खास दिन का कनेक्शन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से रहा है। 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे इसलिए 9 जनवरी की तारीख को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए चुना गया। पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। 8 जनवरी 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की।
स्वर्गीय लक्ष्मीमल सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्च समिति की सिफारिशों के अनुसार इस दिन को मनाने का फैसला लिया। फिर 2003 में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया।
@narendramodi
Shivraj Singh Chouhan
@ChouhanShivraj
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