बदरवास। स्वामी विवेकानंदजी ने अपनी काबिलियत के दम पर सूर्य की भांति संपूर्ण विश्व को भारतीय संस्कृति के प्रकाश से आलोकित कर दिया था। उनके आदर्श और विचारों में वह क्रांति और तेज है जो युवाओं में नवचेतना,ऊर्जा शक्ति का संचार करते हैं इसलिए उन्हें युवाओं का प्रेरणा स्रोत कहा जाता है। ये बात शासकीय माध्यमिक विद्यालय बक्सपुर में राष्ट्रनायक स्वामी विवेकानंदजी की जयंती युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक गोविन्द अवस्थी ने कही।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन कर स्वामी विवेकानंदजी और भारतमाता के छायाचित्र पर पुष्पांजलि विद्यालय के प्रधानाध्यापक गोविन्द अवस्थी,जितेंद्र शर्मा,गंगा यादव,सुनील ओझा,प्रसन्न यादव ने अर्पित की।साथ ही सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में शिक्षक और विद्यार्थियों ने सहभागिता निभाई।
विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंदजी के जीवन चरित्र, व्यक्तित्व और कृतित्व से परिचित कराते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक गोविन्द अवस्थी ने कहा कि महान समाज सुधारक,युगपुरुष स्वामी विवेकानंदजी शिकागो धर्मसम्मेलन में भारतीय संस्कृति,सभ्यता,योग वेदांत और विचारों का विश्व पटल पर परचम फहराकर वे कम उम्र में ही सम्पूर्ण विश्व के प्रेरणा स्रोत बन गए। स्वामीजी ने भारतीय चिंतन की गहन व्याख्या कर विदेशों में भारत का मान-सम्मान बढ़ाया। ‘उठो,जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’ का संदेश देने वाले महान राष्ट्रनायक,युवा शक्ति प्रतीक स्वामी विवेकानंद के पवित्र विचार और सिद्धांतों का अनुसरण करने की आज आवश्यकता है। हम सबका कर्तव्य है कि विवेकानंदजी सहित देश के महान क्रांतिकारियों,महापुरुषों के प्रति मन में सदैव आदरभाव,सम्मान होना चाहिए क्योंकि इन्हीं के त्याग और बलिदान की नींव पर ही राष्ट्र खड़ा है।
शिक्षक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत की अमूल्य निधि हैं इसलिए उनके आदर्श और बताए पथ पर हमें चलना चाहिए।उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ काम करते हुए समाज सुधार,अध्यात्म और धर्म संस्कृति का प्रचार दुनियाभर में किया।इस अवसर पर अवस्थी ने विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार,प्राणायाम का महत्व और लाभ बताते हुए कहा कि यह भारतीय योग परंपरा का महत्वपूर्ण अंग और आयाम हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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