( खनियांधाना से सचिन मोदी की रिपोर्ट )
जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल एवं आस्था के केंद्र श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में देश भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं इसी क्रम में खनियांधाना में जैन समाज द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में विशाल मशाल जुलूस निकाला गया । इस प्रदर्शन में जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए तथा अपने हाथों में सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार तथा झारखंड सरकार से अपना फैसला वापस लेने की अपील की गई । जुलूस में बच्चे और पुरुष अपने हाथों में मशाल लेकर नारेबाजी करते हुए रैली में नजर आए।
आंदोलन समिति के अनुभव जैन एवं सचिन मोदी ने बताया कि झारखंड सरकार के द्वारा पवित्र सिद्ध क्षेत्र सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के विरोध में विशाल मशाल जलूस की रैली निकाली। अगर सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पवित्र क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तो आगे भी आंदोलन जारी रहेगा और ये आंदोलन उग्र रूप भी ले सकता है। आपको बता दें कि मसाल जलूस बड़े जैन मंदिर से प्रारम्भ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए बापस बड़े जैन मंदिर में आकर समाप्त हुआ। जलूस में हिन्दू संगठन विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, करणी सेना ने भी शामिल होकर अपना योगदान दिया। वहीं पवन कुमार शर्मा शिवपुरी जिला अध्यक्ष विश्व हिन्दू परिषद् बजरंग दल के द्वारा बताया कि जब पूरे भारत देश मे अयोध्या राम मंदिर के आंदोलन में जैन समाज हमारे साथ खड़ा हुआ था तो हम जैन समाज के तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर के आंदोलन में जैन समाज के साथ है और आने वाले हर स्थिति में जैन समाज के साथ रहेंगे। साथ ही कहा कि झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार को अपना निर्णय बापस लेना ही होगा, नही तो सरकार को आगामी चुनावों में इसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा, जैन समाज के लोग भगवान महावीर स्वामी के संदेश जिओ और जीने दो के पद चिन्हों पर चलते है अगर सरकार जैन समाज को मजबूर कर रही है तो जैन समाज के लोग खून बहाने में भी पीछे नहीं रहेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे पूरे भारत देश मे जैन समाज सरकार के फैसले के विरोध में सड़कों पर आ कर विरोध प्रदर्शन कर रही है। जैन समाज के लोगों ने सरकार को आगाह किया है कि अपना फैसला बदल दें नही तो परिणाम भुगतने को तैयार रहे जो सरकार बना सकते है तो सरकार गिरा भी सकते है बैसे भी इस साल मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव और 2024 में लोक सभा के चुनाव होने है जिनके चुनाव परिणामों पर भी असर पड़ेगा।

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