भारत की पावन भूमि पर अनेकों धार्मिक स्थल अपनी स्थापत्य कला और चमत्कारिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं. भारत में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक चौसठ योगिनी मंदिर का इतिहास भी रोचक और रहस्यों से भरा हुआ है। यह मंदिर तांत्रिक यूनिवर्सिटी भी कहलाता है।1323 ईस्वी पूर्व के एक शिलालेख के अनुसार मंदिर कच्छप राजा देवपाल द्वारा बनाया गया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर को 1951 के अधिनियम संख्या LXXI, dt.28 / 11/1951 के तहत एक ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया है।इसे एकट्टसो महादेव मंदिर भी कहा जाता है, लगभग सौ फीट ऊँची एक शानदार पहाड़ी के ऊपर खड़ा है।
यह एक योगिनी मंदिर है जो चौंसठ योगिनियों को समर्पित है। यह बाहरी रूप से 170 फीट की त्रिज्या के साथ आकार में गोलाकार है और इसके आंतरिक भाग के भीतर 64 छोटे कक्ष हैं।
मंदिर की संरचना इस प्रकार है कि कई भूकम्प के झटके झेलने के बाद भी यह मंदिर सुरक्षित है निश्चित ही यह दिव्य मंदिर संसद भवन के पीछे का प्रेरणा स्त्रोत रहा होगा।
इन दिनो इसका रखरखाव शानदार है, करह धाम के ठीक सामने से 20 km की पक्की रोड है।
मंदिर से नीचे गांव ,जमीन, खेतों का विहंगम दृश्य आप कभी नही भूल पाएंगे।
चौसठ योगिनियाँ इस प्रकार हैं:
1.बहुरूप, 2.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी, 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा, 57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली।
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