भागवत कथा के दूसरे दिन नंदोत्सव, सहित भगवान के बाराह अवतार की कथा सुनाई।
ग्राम झंडा में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
करैरा। श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित संजीव कृष्ण शास्त्री वृंदावन धाम द्वारा गाया भजन "मंद मंद मुस्कनिया.....", संतन के संग लागे रै तेरी अच्छी बनेगी, पर सभी श्रोता झूम उठे। शास्त्री ने ग्राम झंडा में चेतनदेव आश्रम पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में पितामह भीष्म की प्रतिज्ञा की कथा सहित कुंती माता की कथा, राजा परीक्षत का श्राप, सुकदेव जन्म की कथा सुनाई। रविवार 22 जनवरी को श्री राम जन्मोत्सव एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा कही जाएगी। आयोजक बबलू तोमर ने सभी भक्तगणों से अपील की है कि कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से प्रारंभ होती है, जिसमे अधिक से अधिक लोग सम्मिलित होकर कथा का श्रवण करे।कथा 19 जनवरी से प्रारंभ होकर 27 जनवरी तक आयोजित की जा रही है। कथा की अंतिम दिन 27 जनवरी शुक्रवार को हवन पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारा का आयोजन किया गया है। जिसमे चेतनदेव आश्रम के प्रांगण में विशाल पांडाल लगाकर वंदनवारे, गुब्बारे से सजाया गया है। कथा के पहले दिन गणेश पूजन के साथ विशाल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमे ग्राम के अलावा दूर दूर से महिलाए, पुरुष, बच्चे एकत्रित हुए थे। कथा के मुख्य जजमान श्रीमती चंदा कोक सिंह तोमर है। श्रीमद् भागवत का मूल पाठ पंडित महेश शास्त्री, दुर्गा सप्तशती पाठ मुरारीलाल शास्त्री, श्रीमद भगवत गीता पाठ पंडित आशीष तिवारी द्वारा किया जा रहा है। कथा आयोजक मंडल में श्रीमती महादेवी ठाकुर बबलू तोमर, श्रीमती मुन्नी बाई लाल सिंह तोमर,श्रीमती उमा हेमेंद्र सिंह तोमर, श्रीमती दीपा गजेंद्र सिंह तोमर, श्रीमती प्रीति जितेंद्र सिंह तोमर, श्रीमती कीर्ति विजय सिंह तोमर सहित ग्रामीण जनों के सहयोग से कथा का आयोजन किया गया है आज संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में ग्राम के देवी सिंह तोमर पटेल,जगभान सिंह जादौन, मुरारी सिंह तोमर, विश्वनाथ सिंह तोमर सहित ग्राम के भक्तगण महिलाएं, बच्चे भारी संख्या में मौजूद थे। आयोजकों द्वारा श्रीमद् भागवत कथा कि आयोजन स्थल श्री चेतन देव आश्रम पर करीब 2500 वर्ग फुट का मार्ग भी निजी खर्चे से बनवाया गया। जो महुअर नदी की नहर पर स्थित है। इस मार्ग के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने विधायक, सांसद से मांग की थी, जो आज तक नहीं बन पा रहा था। इस मार्ग के बनने से आश्रमके अतिरिक्त ग्राम चंदपठा, सिद्धपुरा जाने के लिए रास्ता सुलभ हो सका है। यहां से प्रतिदिन सैकड़ों नागरिकों का आवागमन होता है।

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