आइए आपको बताते हैं क्या हैं पूरा मामला। दरअसल भणियाणा कस्बे में गोमाराम की मिठाई की दुकान है। इस दुकान में 23 जनवरी की रात को चोर मिठाई खाकर खत छोड़ गया। यहां मिठाई की दुकान में घुसे चोर ने मिठाई खाई और जाते हुए दुकानदार के नाम दो पन्नों का लेटर लिखकर छोड़ गया। खत में चोर ने खुद को " अतिथि" बताया और लिखा कि- "मैंने कल से खाना नहीं खाया है, मैं भूखा हूं"... अगले दिन दुकान पर आए मालिक ने खत पढ़कर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने से इंकार कर दिया है।
पढ़िये चोर ने क्या लिखा पत्र में...
"'नमस्कार साहब मैं एक नेक दिल इंसान हूं। मैं आपकी दुकान में चोरी करने नहीं अपितु अपनी ख्वाहिश पूरी करने लिए दुकान में घुसा हूं। हां मैं आपकी दुकान के ऊपर से तीन ईंट हटाकर अंदर घुसा, वो भी खाने के लिए। "मैंने कल से खाना नहीं खाया है, मैं भूखा हूं"। सिर्फ इसलिए मैं आपकी दुकान में पैसे लेने नहीं बल्कि भूख मिटाने के लिए आया हूं।
मुझे मालूम है कि आप गरीब हैं इसलिए दिलासा दिलाने लिए यह अर्जी लिख रहा हूं और हां मेरे थोड़ी चोरी करते हुए पैर में चोट आई है। इसलिए इसका भी भुगतान आपको करना पड़ेगा। इसलिए मैं आपके पैसे का गुल्लक लेकर गया हूं। मैंने आपकी दुकान में ज्यादा कुछ नहीं खाया, सिर्फ दो पीस सफेद मिठाई के और दो पीस आगरे का पेठा खाया है। जबकि आपकी दुकान में रखी सेव मुझे नहीं मिली।
मैं एक आखरी बात कहना चाहता हूं कि आप पुलिस को मत बुलाना। वो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी उल्टा आपसे ही पैसा लेगी। मैं पूरी जिंदगी आपका आभारी रहूंगा आपने जो मेरी इतनी सेवा की।
तुम्हारा "अतिथि"।
सात हजार रुपए नकद चोरी
दुकान मालिक गोमाराम ने बताया कि 24 जनवरी को जब उसने सुबह दुकान खोली तो उसे गल्ला नहीं मिला और दुकान में मिठाई इधर-उधर रखी मिली। इसके बाद उसने पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पर भणियाणा पुलिस थाना प्रभारी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे थे। तलाशी के दौरान एक लेटर मिला। उसे पढ़कर मालिक ने रिपोर्ट दर्ज करवाने का मन बदल लिया। उसने पुलिस को कहा कि वो खुद एक गरीब आदमी है। दुकान में चोरी से बहुत दुखी था। मगर अब वो रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाना चाहता।

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