ग्वालियर। ऐतिहासिक ग्वालियर और अंचल के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास किए जाएंगे। ताकि देश-विदेश के पर्यटकों का आगमन हो और स्थानीय लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। इसी दिशा में एक सार्थक पहल करते हुए नगर के सजग नागरिकों का मंच गठित किया गया है। जो पुरातत्व, इतिहास, कला, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण, संवर्द्धन और विकास के लिए प्रशासन और राजनेताओं के साथ मिलकर सामूहिक रूप से प्रयास करेगा।
पडाव स्थित इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर समाज सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. केशव पाण्डेय एवं भारतीय पुरातत्व के पूर्व अधीक्षक डॉ. एनके समाधिया के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में इतिहास, पुरातत्व और पर्यटन के जानकार और शोधार्थियों का मानना था कि ग्वालियर व आसपास के इलाकों का समृद्ध इतिहास है। पुरातत्व और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। ग्वालियर में उद्योग और व्यापार एक तरीके से ठप हो चुका है। ऐसे में पर्यटन संजीवनी साबित हो सकता है। क्योंकि 90 फीसदी पर्यटन आज भी अनजान बना हुआ है, जिसे पहचान देकर शहर व अंचल की दशा और दिशा दोनों बदली जा सकती हैं।
इसके लिए क्षेत्र के पर्यटन के बारे में जानकारी हासिल कर उन्हें संबंधित अधिकारियों को बताया जाएगा। पर्यटकों को बेहतर सुविधाए मुहैया कराने तथा उन्हें परेशानियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। पर्यटन के विकास के लिए प्रशासनिक अधिकारियों, सांसद, विधायक एवं मंत्रियों के साथ संवाद करेंगे।
प्रथम चरण में पर्यटकों को बेहतर जानकारी के देने के लिए इतिहास से संबंधित बोर्ड लगाएं जाएंगे। पर्यटकों को दी जाने वाली भ्रामक जानकारियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी इसके साथ ही सोशल मीडिया पर बनाई जा रही नकारात्मक छवि को मिटाने का भी हर संभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। अनजान पर्यटन स्थलों को विकसित कर उन्हें लोगों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए हेरिटेज वॉक की शुरुआत की जाएगी ताकि स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों को इतिहास के वास्तविक पहलू से रूबरू कराया जा सके। इसके लिए अंचल भर के पुरातत्व, इतिहास, कला, संस्कृति और सभ्यता के सरंक्षण, संवर्द्धन के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देने वाले लोगों को भी जोड़ा जाएगा। प्रशासनिक और सामाजिक स्तर जो भी आवश्यक कार्य होंगे उन्हें मिलकर पूरा करेंगे।
बैठक में इतिहासकार डा़ॅ. आशीष द्विवेदी, वैभव शर्मा, प्रशांत इंगले, वैभव शिवहरे, अभिजीत शिंदे, इंद्रदेव सिंह कुशवाह, डॉ. नीलकमल माहेश्वरी एवं विजय पाण्डेय प्रमुख रूप से मौजूद थे ।
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