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कवि प्रभु दयाल शर्मा के जन्मदिन पर आयोजित की परिवार गोष्ठी

सोमवार, 2 जनवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
साथ ही किया साहित्यकारों ने जेलर सुनील शर्मा का सम्मान
करैरा। स्थानीय सांई दरवार होटल में वरिष्ठ कवि एवं उत्कृष्ट मंच संचालक, पूर्व बीआरसी प्रभु दयाल शर्मा के जन्मदिन पर कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव उपस्थित रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्कृष्ट विद्यालय करैरा के पूर्व प्राचार्य नवलकिशोर दुबे द्वारा की गई,साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्वादी कवि प्रभुदयाल शर्मा, जेल अधीक्षक सुनील शर्मा, समाजसेवी भोगीलाल विलैया, डॉ अरविंद बेडर, डॉ बृजेश अग्रवाल, नरेंद्र तिवारी सहित करैरा के समस्त साहित्यकार उपस्थित रहे.कार्यक्रम के आरंभ में उपस्थित अतिथियों और साहित्यकारों द्वारा माँ वीणापाणी का पूजन किया गया।दीप प्रज्वलित किया गया।सभी साहित्यकारों ने अपने साथी साहित्यकार प्रभु दयाल शर्मा का जन्मदिन केक काटकर मनाया गया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत बरिष्ठ गीतकार श्री घनश्यामदास योगी जी के सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना के साथ हुई-
"ज्ञानदायिनी शारदे,वीणावादिनी मात." ।
कवि बिजेन्द्र चौरसिया 'सहज'ने रचना प्रस्तुत की.. 
क्या स्मरण किया है तुमने उस सुखद संवाद के सरगम को।
हृदय के आह्लादित सपंदन और सांसों के हर समरस गुंजन को।
प्रस्तुत की ततपश्चात युवा कवि शिवम यादव एवं वेदप्रकाश दुबे की कविताओं को श्रोताओं ने खूब सराहना की.
तत्पश्चात कवितापाठ की अद्भुत शैली में साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश दुबेजी ने अपना जोरदार काव्यपाठ कर गोष्ठी को ऊँचाइयाँ प्रदान की-
"जिस देश में कबीर की वाणी हो   जिस  देश में विवेकानंद जैसा विवेक हो
देश में शबरी जैसा सब्र। हो
जिस देश में मीरा जैसी कृष्ण भक्ति हो
देश में गंगा जमुना सरस्वती हो
हम उस देश के वासी हैं हम उस देश के वासी हैं.... श्री रमेश चन्द्र वाजपेयी ने अपनी कविताओं से गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया.
बरिष्ठ साहित्यकार एवम शिक्षाविद श्री प्रभुदयाल शर्मा 'राष्ट्रवादी' ने रचना -
चीन किसी का मीत नहीं है
उसे किसी से प्रीति नहीं है 
फेंकता वह कर्जे का जाल
 फंसे वह हो जाता बेहाल
जहर वह घोल रहा है
ये सैनिक बोल रहा है ।।
प्रस्तुत कर माहौल में ऊर्जा और जोश का संचार कर दिया। 
करैरा नगर के ऊर्जावान एवं ओजस्वी और एक साथ दस पुस्तकों के सृजन कर करैरा को मान देने वाले कवि श्री प्रमोद गुप्ता'भारती' की रचना पिता को खूब सराहना मिली... 
सूरज के उगने से पहले बिस्तर छोड़ें पापा
पल पल छिन छिन दौड़ भाग कर 
सपने जोड़ें पापा I
पिता के श्री चरणों में चारों धाम का पुण्य मिला है.
कविता को सदन ने तालियों से सराहा और गोष्ठि को सर्वोच्चता प्रदान की।
बरिष्ठ साहित्यकार श्री सतीश श्रीवास्तव ने पिता कविता के साथ ही कविता सुनाई... 
पुराने साल की क्या क्या सुनायें, 
आपको नये साल की शुभकामनायें.              
कवि सम्मेलन के अंत में जन्मदिन के दोहे और गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
कैसे गाऊँ गीत मीत मैं आज वसंत बहार का, 
सुनना चाहो सुनो याद है गीत मुझे पतझार का. सभी साहित्यकारों ने उपजेल करैरा के जेलर श्री सुनील शर्मा को पुरुस्कार मिलने पर सम्मानित किया.                  कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ अरविंद बेडर ने कविताएँ सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उपजेल करैरा के जेलर सुनील शर्मा ने कहा मुझे अपने पूरे स्टाफ ने सहयोग किया और जेल में कैदियों के अच्छे कार्य व्यवहार ने यह सम्मान दिलाया है. उन्होंने साहित्यकार साथियों का आभार माना.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी श्री भोगीलाल विलैया आयोजन की प्रसंशा की और कहा कि समाज में इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से अच्छे संदेश प्रसारित करते हैं., कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवल किशोर दुबे ने आयोजक साहित्यकार परिवार की प्रसंशा की और सफल आयोजन की बधाई दी...कार्यक्रम का सफल संचालन कवि श्री शिवम यादव द्वारा किया गया। 
अंत मे उपस्थित समस्त अतिथियों साहित्यकारों एवं श्रोताओं का आभार भावेश शर्मा ने व्यक्त किया गया।

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