पिछोर। पिछोर मनपुरा के लाल सीआरपीएफ के सूबेदार अशोक का अंतिम संस्कार गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। इसके पहले सिरसोद चौराहे से ग्राम तक सात किमी लंबी अंतिम यात्रा निकाली गई। मनपुरा निवासी सीआरपीएफ के सूबेदार अशोक कुमार चौरसिया का निधन हार्ट अटैक से हो गया था। आज दोपहर वाहन अशोक कुमार की पार्थिव देह सिरसौद लेकर आया तो वहां हजारो लोग अपने लाल की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए इंतजार कर रहे थे। सूबेदार अशोक चौरसिया के पार्थिव देह को फ्लाइट से मुंबई से ग्वालियर और ग्वालियर से सेना के वाहन से सड़क मार्ग से सिरसौद लगभग 2.40 मिनट पर पहुंचा। इससे पूर्व ही करैरा, सिरसौद और पिछोर का जनमानस अपने अपने वाहनों ओर डीजे के साथ जवान अशोक चौरसिया के पार्थिव देह का इंतजार कर रहे थे। सिरसौद से मनपुरा शहीद की अंतिम यात्रा को पहुंचने में 2 घंटे से अधिक का समय लगा। मनपुरा में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ जवान अशोक कुमार चौरसिया सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस अंतिम संस्कार में पिछोर विधायक केपी सिंह, करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव प्रशासन की ओर से पिछोर तहसीलदार भौती थाना प्रभारी संजय मिश्रा सहित तमाम पुलिस फोर्स मौजूद थी।
सूबेदार अशोक चौरसिया के चचेरे भाई ने बताया कि शनिवार सुबह पुणे में सूबेदार अशोक कुमार चौरसिया सीआरपीएफ बटालियन 242 में सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए शनिवार की सुबह ड्यूटी पर जा रहे थे कि रास्ते में सीने में तेज दर्द हुआ, तत्काल कार्यालय को खबर भेजी गई। वहां से सैनिक अस्पताल भर्ती कराया गया फिर किसी बड़े अस्पताल के लिए उन्हें रेफर किया गया लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई।
बेटे की बात सुन भीगी आंखे
पिछोर विधायक केपी सिंह ने सैनिक अशोक कुमार चौरसिया के इकलौते 2 साल के बेटे मौलिक से पूछा की बेटा पापा कहा है। बेटा मौलिक ने जवाब दिया कि पापा ड्यूटी पर गए है। इस मासूमियत भरे जवाब में वहां उपस्थित सभी लोगों के आंखों से आंसू बह निकले।
सूबेदार अशोक चौरसिया सीआरपीएफ में सैनिक पर भर्ती हुए थे परिवार में पत्नी के अलावा एक छोटा बच्चा हैं। अशोक बड़े ही मनमौजी और मजाकिया स्वभाव के व्यक्ति थे। अशोक चौरसिया तीन भाई हैं। अशोक के माता-पिता का देहांत कई वर्ष पहले हो चुका है। अशोक के बड़े भाई विष्णु चौरसिया का भी निधन 10 साल पहले हो चुका है। छोटा भाई हरिचरण चौरसिया राजस्थान के जयपुर में प्राइवेट नौकरी करता है। अशोक की तीन बहन भी है तीनों की शादी हो चुकी है।
सूबेदार अशोक चौरसिया की सीआरपीएफ की नौकरी को 22 वर्ष हो चुके है। 20 साल पहले अशोक चौरसिया की शादी सीतामढ़ी से हुई थी। लेकिन शादी कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी अशोक को सन्तान सुख नहीं मिल सका था। 18 साल बाद अशोक के घर किलकारी गूंजी थी अशोक को शादी के 18 साल बाद बेटा पैदा हुआ था। आज अशोक का बेटा ढाई साल का है। अशोक अपनी पत्नी सीतामढ़ी और बच्चे के साथ पुणे में ही रह रहे थे।
सूबेदार अशोक चौरसिया के चचेरे भाई ने बताया कि अशोक की सबसे छोटी बहन की शादी 6 फरवरी 2023 को होनी है। अशोक ने अपनी बहन से भांजी का कन्यादान करने की जिद की थी। अशोक के बहनोई और बहन भी राजी हो गए थे। भांजी की शादी में शामिल होने के लिए अशोक की छुट्टी मंजूर हो चुकी थी। अशोक आज अपने परिवार के साथ पुणे से निकलता ऒर 30 जनवरी को गुना में रहने वाली अपनी बहन के घर पहुंचता जहां वह अपनी भांजी की शादी की जिम्मेदारियों को उठाया और भांजी का कन्यादान करता लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अशोक के आने एक दिन पहले उसके निधन की खबर आ गई।
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