राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में खेलों 12 टीम
शिवपुरी के वरिष्ठ फुटबॉलर और इस टूर्नामेंट को प्रमुख भूमिका में रहकर आयोजित कराने वाले मुकेश वशिष्ठ ने बताया कि राजमाता सिंधिया स्मृति में इंटरसिटी फुटबॉल कप प्रतियोगिता में 12 टीमों ने भाग लिया। जिसमें दिल्ली, बूंदी राजस्थान, इटारसी रेलवे, स्पोर्ट्स क्लब गुना, आर्यभट्ट क्लब ग्वालियर, राधौगढ़ स्पोर्ट्स क्लब, श्योपुर स्पोट्र्स क्लब, इलेवन स्पोट्र्स डि, शिवपुरी बापू एकेडमी व हिंद क्लब ए और बी शामिल रहीं।
पांच दिन तक चली प्रतियोगिता
प्रतियोगिता पांच दिन तक चली जिसका शुभारंभ 28 दिसंबर 2022 को हुआ, जबकि समापन 1 जनवरी 2023 को हुआ। गुना स्पोर्ट्स की विजेता टीम को 21 हजार रुपए नगद व विनर कप के अलावा सभी खिलाड़ियों को मोमेंटो दिए गए।
आइए देखिए किसको क्या मिला
प्रतियोगिता में बेस्ट खिलाड़ी का पुरस्कार राहुल यादव को मिला उन्हे गोल्डन शूज से सम्मानित किया गया, बेस्ट फारवर्ड का पुरस्कार मुकेश वशिष्ठ को मिला। बेस्ट डिफेंस खिलाड़ी सौरभ भदौरिया तथा मेन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार कुणाल पाराशर हिंद क्लब के खिलाड़ी को मिला। बेस्ट गोलकीपर का अवार्ड आदित्य शर्मा को मिला। प्रतियोगिता का आयोजन हिंद फुटबॉल समिति व सोनेट क्लब द्वारा किया गया।
शिवपुरी के लाल हरी दुबे, इंदौर से बनाई देश भर में पहचान, मगर शिवपुरी आज भी बसी है दिल में
उक्त प्रतियोगिता का आयोजन दरअसल इंटरसिटी बसों के मालिक हरी दुबे द्वारा किया जाता हैं। इस टूर्नामेंट के सभी पुरुस्कार इंटरसिटी बस के संचालक हरी दुबे द्वारा दिए गए हैं। बता दें की हरी दुबे की शिक्षा शिवपुरी में ही हुई हैं। पुलिस विभाग में सेवारत पिता जी के लाडले हरी को व्यापार चुनने की आजादी पिता और उनके बड़े भाई ने दी। बड़े भाई ट्रक के सफल व्यवसाई हैं। जबकि हरी दुबे ने अपने लिए यात्री बसों का व्यापार चुना।उन्होंने एक दो बसों से अपना सफर शुरू किया लेकिन उन दो बसों की आकर्षक बनावट, सेफ्टी फीचर्स, स्टाफ के कुशल व्यवहार, विश्वसनीयता ये कुछ ऐसे गुण थे जिनसे भीड़ भरे बसों के कारोबार और तब रोडवेज के होते हुए भी इंटरसिटी बस ने सभी प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर दी। हरी ने पूरी मेहनत और लगन से इस कारोबार पर फोकस किया। फिर बसों को संख्या बढ़ती चली गई। आरंभ से ही शूरवीर की तर्ज पर हिम्मत न हारने वाले हरी दुबे ने फेलते पंखों को और विस्तार देने के लिए शिवपुरी में बसों की कमान संतोष की देखरेख में सौंपी और खुद इंदौर निकल पड़े। यहां बड़े बड़े नाम बस बिजनिस की पहचान हुआ करते थे। उनके बीच शिवपुरी के इस नौजवान ने अपने पैर जमाने शुरू किए। शिवपुरी के लोग कभी नहीं भूल सकते जब उन्हें इंदौर में इंटरसिटी की एक से बढ़कर एक लग्जरी बसों की लॉन्चिंग देखने मिलती रही। नतीजा ये हुआ की हरी दुबे इंदौर के एक सफल कारोबारी और स्थापित नाम बने।इंदौर से साईं के दरबार और भी न जाने कितनी जगह इंटरसिटी बसो ने पूरी गुणवत्ता से दस्तक दी। जिनसे लोग उसके दीवाने हो गए। आज हरी दुबे इंदौर के एक ब्रांड बन चुके हैं लेकिन वे पहले की तरह हसमुख, मिलनसार और शिवपुरी के लिए दिल में अलग प्यार रखते हैं।उसी के नतीजे में उन्होंने शिवपुरी में इंटरसिटी टूर्नामेंट की कुछ साल पहले शुरुआत की। जिले से संभाग और राज्य स्तर तक यह टूर्नामेंट होने लगा। लेकिन korona के दो साल टूर्नामेंट नहीं हुआ था जो उन्हीं की मंशा से इस बार फिर शुरू हुआ। अब उनकी इच्छा है की भविष्य में यह राष्ट्रीय स्तर का हो। टूर्नामेंट के उद्घाटन पर हरी दुबे अपनी धर्मपत्नी सारिका दुबे के साथ शिवपुरी आए थे। एक और बात ये की शिवपुरी में उनके करीबियों के हर छोटे बड़े आयोजन में हरी दुबे इंदौर से हरसंभव शिवपुरी आने का प्रयास करते हैं। मुस्कान को किया सम्मानित
प्रतियोगिता के समापन अवसर पर पुरस्कार वितरण के साथ ही न्यूजीलैंड से वेट लिफ्टिंग में 4 गोल्ड लाने वाली शिवपुरी की खिलाड़ी मुस्कान शेख को सम्मानित किया गया।

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