ये जरूर सोचिए क्या खोया क्या पाया
जिले के एक जागरूक नागरिक होने के नाते हमारा फर्ज हैं की आप सभी एक बार जरूर सोचिए साजिशों से हमारे इलाके को क्या मिला ? बीते सालों में एक पतंग तक हासिल नहीं हो सकी जबकि हमने इसके बदले में कभी खाली हाथ न आने वाले इंसान को खो दिया। खेर कहते हैं जो बोओगे वही काटोगे तो साहब आगे आगे देखिए होता हैं क्या....!
कहने को पांच विधान सभा, भूचाल पोहरी, कोलारस में अधिक
इन दिनों जिले की पांच विधान सभा में से दो इलाकों में गर्मी तेज हो गई हैं। ये इलाके हैं पोहरी और दूसरा कोलारस, शिवपुरी और पिछोर में तो सभी जानते हैं हमेशा की तरह बादल छाए रहेंगे। कोई जिम ज्वाइन करेगा तो भी उसका पसीना व्यर्थ बहेगा। इधर करैरा में फिलहाल शांति हैं लेकिन पोहरी और कोलारस में जिस तरह से प्रत्याशी की मंशा पाले नेता उछल कूद रहे हैं उसे देखकर लगने लगा हैं की सरकार इन दोनों जगह पूरे प्रदेश से पहले ही चुनाव करवा लेगी! जी हां, जिस तरह से पुराने वाहन डेंट पेंट होकर बालों को डाई करवाकर दम भर रहे हैं या फिर कुछ नए गलतफहमी पाले नेता प्रत्याशी की मंशा संजोए हैं उनको देखकर लग रहा हैं एकाध महीने में टिकिट का वितरण कर दिया जायेगा। वर्तमान फायर ब्रांड नेता को ओवरटेक करने की जुगत में कई पुराने नेता जुटे हुए हैं। गुपचुप दिल्ली भोपाल की यात्रा कर टिकिट पकड़ने की कवायद जारी है। एक पुराने पत्तों से चलकर कुर्सी तक पहुंचे नेता जी का दावा हैं की इलाके में लोग पूरी तरह नाखुश हैं। गांव गांव जाकर इसकी सत्यता पता की जा सकती हैं।
यही हालत पोहरी की हैं जहां बीजेपी में तो तूफान के पहले जैसी शांति हैं लेकिन कांग्रेस के टिकिट के लिए हाथी भी सूंड हिलाता दिखाई दे रहा हैं। इस हाथी ने पिछले दो चुनाव में हाथ तोड़ा तो फूल मुरझाने की स्थिति में ला दिया था। इस बार हाथी हाथ पकड़ने की तैयारी में है। ऐसा हुआ तो घर भरने में जुटे नेताजी की वाट लग सकती हैं! पोहरी में अगर महिला सीट हुई तो शिवपुरी की एक पूर्व पार्षद कांग्रेस से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं पोहरी में कुछ युवा भी जोर आजमाइश में लगे हैं।

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