करैरा। वामोर के ग्राम धुवाईं में खाती वावा के मन्दिर पर चल रहे यज्ञ में, आयोजित श्री राम कथा में आज सातवे दिन भगवन श्री राम के बनवास की कथा का वर्णन पंडित श्री बासुदेवनंदिनी भार्गव के द्वारा किया गया। राम के बनवास जाने के अनेक हेतु है, इसमें दोष केकई को नहीं है की उसने राम जी को वनवास दिया अपितु धन्य हैं कैकई तो,जिन्होंने कृपा की,और राम को केवल अयोध्या का राजा नहीं बनाया वल्कि जन जन के राजा राम के रुप में प्रकीर्तित किया। राम जी केवल महलों में रहने के लिए थोड़ी प्रकट हुए थे, वे प्रेम राज्य की स्थापना करने के लिए आए थे। वनवास में गंगा के तट पर श्रंगवेगपुर में भगवान ने निषाद को अपने गले से लगाया पास बैठाया! राज्य के सर्वोच्च व्यक्ति ने राज्य के सबसे कमजोर व्यक्ति को साथ बैठाकर प्रेमराज्य का उद्घाटन किया।राम कथा में हर दिन आस पास के गाँव के सेकड़ो महिलाएं, वच्चे, पुरुष कथा श्रवण कर रहे हैं।

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