ट्रॉली में मालपुए, पूड़ी और बूंदी, खीर
विशाल भंडारे की बातें अक्सर लोग लिखवाते हैं लेकिन विशाल भंडारा होता क्या हैं ये देखने खेरे वाले हनुमान पर आना चाहिए। लाखो भक्तों के लिए तीन दिन पहले से चूल्हे जलने लगते हैं। कई महीनों पहले से सामान की रूपरेखा बनती हैं। आज कई ट्रालियों में पूड़ी थी तो कई ट्रॉली में मालपुए और बूंदी नजर आई। जबकि ट्रॉली में गरमा-गरम खीर भी रखी हुई थी।
भवन निर्माण के न्यू ब्रांड मिक्सर से गूंथा आटा
मौके पर लाखो लोगों की पूड़ी बनाई जाती हैं। क्विंटल के क्विंटल आटा गूंथना होता हैं इसके लिए मंदिर में श्रद्धा रखने वाले लोग जो असल में ठेकेदारी भी करते हैं वे लोग नया मिक्सर खरीदकर उसमें पहले भंडारे का आटा गूंथते हैं फिर भविष्य में उसका उपयोग भवन निर्माण में कियाजाता हैं। इसके अतिरिक्त इस मशीन से भंडारे के लिए मालपुए का घोल भी बनाया जाता है।
100 ग्रामों के लोगों ने पाई प्रसादी, शहर के लोग भी हुए शामिल
दूर दराज तक ख्यातिनाम शिवपुरी के खेरे वाले हनुमान मंदिर पर आयोजित भंडारे में 100 गांव के लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। नगर के सैकड़ों लोग भी सुबह से देर शाम तक भंडारा पाने पहुंचे।
70 ग्राम से दूध आया
खीर बनाने के लिए करीब 70 ग्राम के लोगों ने निशुल्क दूध दिया। हनुमान मंदिर में भंडारे के लिए आसपास के 70 से अधिक गांव के लोगों ने 85 हजार लीटर दूध टैंकरों के अलावा अलग अलग माध्यमों से भेजा। साथ ही भंडारे में करीब 82 टन आटा, 60 टन सब्जियों पकाई गईं। इसके बाद भक्तों को प्रसाद दिया गया।
सिलसिला जो थमा नहीं

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