ग्वालियर। एक जमाना था जब बड़े बड़े फिल्मी हीरो बेलगाडी पर सवार हुआ करते थे और यदि डाकुओं की फिल्म में घोड़े न दौड़ाए तो फिर वो डाकू ही क्या। खैर हम ट्रेक्टर के जमाने में बेलगाड़ी और घोड़ों की बात लिए बैठे हैं। हालाकि सच पूछिए तो आज भी कहीं बैलगाड़ी या घोड़े नजर आ जाए तो हम फ्लैश बैक में चले जाते हैं। दरअसल बीते रोज ऐसा ही कुछ नजारा एक प्रतियोगिता में देखने को मिला जिसमें दोनों मन की बात सोलह आने सच हो गई। बैलगाड़ी भी दौड़ी और हीरा मोती बेलों ने तो ऐसी बैलगाड़ी दौड़ाई की उनकी गाड़ी नंबर वन आई। जबकि घोड़ा दौड़ देखकर तो गब्बर सिंह की शोले याद आ गई। दरअसल ग्वालियर के कुलैथ गांव में रविवार को बैलगाड़ी और घोड़े की दौड़ प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ग्वालियर चंबल संभाग के साथ-साथ राजस्थान, उत्तर प्रदेश के शहरों से प्रतियोगी पहुंचे थे। बैल की रेस में 15 और घोड़े की रेस में 9 प्रतियोगी शामिल थे।
बैलगाड़ी रेस प्रतियोगिता में कुलैथ के किसान गिर्राज के हीरा और मोती नाम के बैलों की जोड़ी ने पहला स्थान प्राप्त किया वहीं मेहरा गांव के किसान नरेश पटेल के बैलों की जोड़ी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, झांसी उत्तर प्रदेश से आए दीपक के बैलों की जोड़ी ने तीसरा स्थान और सिंगारा गांव में रहने वाले बशीर खान के बैलों की जोड़ी ने चौथा स्थान प्राप्त किया। घुड़सवारी प्रतियोगिता में रनचौली के भानु प्रताप के तूफान नाम के घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया। बेरई गांव के राजाराम यादव के बादल नाम के घोड़े ने दूसरा स्थान, सेवा नगर के रामबरन यादव के हीरा नाम के घोड़े ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इन सभी विजेता प्रतियोगियों को ट्रॉफी और जीत की राशि सौप पर सम्मानित किया गया। बैलगाड़ी और घुड़सवारी की प्रतियोगिता का आयोजन कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य शिवराज यादव द्वारा कराया गया।
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