Became professor without UGC-NET and Phd The dream of becoming a professor came true, now without UGC-NET and Phd, you can become a professor, the government maharashtra has approved
प्रोफेसर बनने का सपना हुआ साकार, अब बिना UGC-NET और Phd के बन सकेंगे प्रोफेसर, महाराष्ट्र सरकार ने दी मंजूरी
भोपाल। जरा सोचिए एमपी की भाजपा सरकार भी यदि सच में ऐसा करे तो न जाने कितने युवाओं को फायदा मिल सकेगा, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला किया हैं की Became professor without UGC-NET and Phd बिना यूजीसी नेट और पीएचडी के प्रोफेसर बन सकेंगे। जिसे लेकर एमपी के युवाओं ने प्रदेश सरकार से मांग की हैं की एमपी में भी इसी तर्ज पर भर्ती की जाएं। बीते लम्बे समय से प्रदेश में प्रोफेसर की भर्ती नहीं हुई हैं। Korona के फेर में यूजीसी और नेट या पीएचडी भी संभव नहीं हो सकी इसलिए तत्काल महाराष्ट्र की नीति को समझकर एमपी में लागू करना चाहिए।
महाराष्ट्र में यह होंगे नियम, राज्य सरकार की मंजूरी
Became professor without UGC-NET and Phd: मुंबई महाराष्ट्र के कॉलेज में प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट और पीएचडी होना जरूरी था लेकिन अब युवाओं का प्रोफेसर बनना आसान हो गया है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा लागू योजना के तहत अब कॉलेज में प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को मंजूरी दी गई है। ऐसे में अब बिना यूजीसी नेट और पीएचडी डिग्री धारी भी प्रोफेसर बन सकेंगे। साथ ही अगले अकादमिक सत्र में राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में विभिन्न क्षेत्रों में प्रोफेशनल और इंडस्ट्री एक्सपट्र्स प्रोफेसर के तौर पर इनकी भर्ती कर सकेंगे।
इन कॉलेजों में देंगे सेवाएं
Became professor without UGC-NET and Phd: महाराष्ट्र के 8 सरकारी कॉलेजों में बतौर प्रोफेसर इनकी सेवाएं ली जाएगी। इसके लिए मंजूरी दी गई है। प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के साथ ही अब हर एक्सपर्ट को उनके अनुभव के मुताबिक सैलरी का लाभ मिलेगा। वही प्रोफ़ेसर ऑफ़ प्रैक्टिस संबंधी गाइडलाइन को अपनाने वाले राज्य में अब महाराष्ट्र भी शामिल हो गया है।
यह होंगे नियम
Became professor without UGC-NET and Phd: राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत जिन व्यक्तियों की अपनी विशिष्ट पेशों और भूमिका में कम से कम 15 साल की सेवा अनुभव के साथ में विशेषज्ञता है। उन्हें प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ ही उन्हें डेढ़ लाख रुपए प्रति महीने उपलब्ध कराए जाएंगे।
एकेडमिक सत्र 2023-24 के लिए इन पदों को भरने की योजना तैयार
Became professor without UGC-NET and Phd: नियम के तहत ऐसे प्रोफेसर की संख्या स्वीकृत प्रोफेसर के पद के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। राज्य में कुल 28 सरकारी कॉलेज में केवल 8 में प्रोफेसर के पद हैं, ऐसे में कुल 54 पद हैं। वही यूजीसी के 10 फीसद वाले नियम के हिसाब से राज्य सरकार को 5 पद भरने की योजना दी गई है। ऐसे में मुंबई के अलावा अमरावती, नागपुर और औरंगाबाद में प्रोफ़ेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि एकेडमिक सत्र 2023-24 के लिए इन पदों को भरने की योजना तैयार की गई है कॉलेज पदों को भरने के लिए अलग से विज्ञापन निकाले जाएंगे।
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