शिवपुरी। उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सभी न्यायालयों में 25 पुराने प्रकरणों को समयावधि में निराकृत करने के आदेश का अधिवक्ताओं ने विरोध किया है। साथ ही 11 फरवरी की लोक अदालत से विरत रहने का निर्णय लिया हैं।
शिवपुरी में आज जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र समधिया और सचिव श्री पंकज आहूजा ने इसको लेकर एक बड़ी सभा की।
अधिवक्ताओं की आज हुई बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ की कल 11 फरवरी को होने वाली लोक अदालत से विरत रहेगें। जिला अभिभाषक संघ ने आज इस मुद्दे को लेकर बार एसोसिएशन में एक सभा का आयोजन किया। जिसमें सैकड़ों अभिभाषक शामिल हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सभी न्यायालयों में 25 पुराने प्रकरणों को नियत समयावधि में निराकरण करने के निर्देश दिए गए है। अधिवक्ताओं को सभी न्यायालयों में पुराने प्रकरणों की पैरवी के लिए उपस्थित होना पड़ता है। जिससे उन्हें अपना कार्य करने में परेशानी हो रही है। जिससे वे केसों की ढंग से पैरवी नही कर पा रहे है। न्यायालय में संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना भी प्रक्रिया के संचालन में बाधक बन रही है।
उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधिपति को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि आदेश के कारण न्यायालयों में भी कार्य का अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। न्यायालय के अन्य नियमित कार्य नहीं हो पा रहे हैं तथा न्यायालय की प्रक्रिया समुचित रूप से प्रभावित हो रही है।
वास्तविकता यह है कि अधीनस्थ न्यायालयों में कर्मचारी स्टाफ की पूरे प्रदेश में काफी समय से कमी है। प्रकरणों की संख्या के मान से न्यायालयों की भी कमी है। जिस कारण से प्रदेश के समस्त अधीनस्थ जिला एवं तहसील न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या व निरंतर प्रकरणों की संख्या न्यायालयों की मान से बहुत अधिक है जो प्रकरणों के निराकरण में विलंब का मुख्य कारण है। इसी तरह पुलिस थानों में भी स्टाफ की कमी का हवाला दिया गया है।
ये बोले पदाधिकारी
उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधिपति को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया है कि आदेश के कारण न्यायालयों में भी कार्य का अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। न्यायालय के अन्य नियमित कार्य नहीं हो पा रहे हैं तथा न्यायालय की प्रक्रिया समुचित रूप से प्रभावित हो रही है। इसलिए लोक अदालत से शिवपुरी के अधिवक्ता विरत रहेंगे।
शैलेंद्र समाधियां, अध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ, शिवपुरी
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उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सभी न्यायालयों में 25 पुराने प्रकरणों को नियत समयावधि में निराकरण करने के निर्देश दिए गए है। अधिवक्ताओं को सभी न्यायालयों में पुराने प्रकरणों की पैरवी के लिए उपस्थित होना पड़ता है। जिससे उन्हें अपना कार्य करने में परेशानी हो रही है। जिससे वे केसों की ढंग से पैरवी नही कर पा रहे है। न्यायालय में संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना भी प्रक्रिया के संचालन में बाधक बन रही है।

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