होलिका दहन 6 ओर 7 दौनो दिन मान्य है, लेकिन 7 02 2023 को भद्रा रहित ओर उदय तिथि की मान्यता अनुसार 7 मार्च 2023 को होलिका दहन समय महूर्त अनुसार श्रेष्ठ रहेगा।
7 मार्च शाम 6:23 से लेकर 8:51 तक रहेगा, होलिका दहन अवधि या शुभ मुहूर्त करीब 2.27 मिनट तक रहेगा. आप इस काल में पूजा कर सकते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 6 मार्च सुबह 04:17 मिनट पर शुरु होकर
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 7 मार्च 06:09 मिनट तक रहेगी। 8 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी।
हिन्दू धर्म में होलिका दहन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि पर भद्रा के कारण तिथि को लेकर उलझन उत्पन्न हो रही है कि क्या होलिका दहन 6 मार्च को किया जाएगा या 7 मार्च को ?
होलिका दहन प्रदोष काल में किया जाता है और इस बार दहन का शुभ समय 7 मार्च को शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. यानि दहन के लिए केवल 2 घंटे 7 मिनट का ही समय होगा।
होलिका दहन की तिथि को लेकर है उलझन ?
हिंदू धर्म में होली पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शाम से होली पर्व की शुरुआत हो जाती है। सबसे पहले शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन सुबह के समय रंग वाली होली धुमधाम से खेली जाती है। लेकिन इस वर्ष पूर्णिमा के दिन भद्राकाल के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर उलझन है ।
होलिका दहन 2023 तिथि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 6 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 47 मिनट होगा और इसका समापन 7 मार्च को शाम 04 बजकर 39 पर होगा। पंचांग के अनुसार 6 मार्च 2023 को शाम के समय से भद्रा का साया लग जाएगा और ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन को पूर्ण किया जाए इस बात का वर्णन शास्त्रों में दिया गया है। ऐसे में भारत के कुछ हिस्सों में पूर्णिमा तिथि 07 मार्च के दिन दोपहर में समाप्त हो जाएगी। वहीं देश के कुछ हिस्सों में पूर्णिमा तिथि 07 मार्च के दिन शाम तक रहेगी। इसलिए होलिका दहन की पूजा देश के कुछ हिस्सों में 06 मार्च 2023 को और कुछ जगहों पर 07 मार्च 2023 के दिन की जाएगी। अपने अपने शास्त्र या विद्धवान के मत अनुसार दौनो ही दिन अपनी जगह सही है लेकिन हमारे मत अनुसार 7 तारीख को उदय तिथि अनुसार पूर्णिमा भी रहेगी और भद्रा का साया भी नही रहेगा । 7 02 2023 को निर्णय सागर पंचांग अनुसार पूर्णिमा 06 28 शाम तक रहेगी ।
होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस विशेष दिन पर होलिका की पूजा की जाती है और एक दुसरे को गुलाल लगाकर बधाई दी जाती है। मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन करने से जीवन में समृद्धि आती है और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

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