*एडवोकेट विजय तिवारी के विशेष प्रयास से निपटी हड़ताल
*इसके पहले शनिवार को महाशिवरात्रि पर वादे से मुकरे थे दूधिए, नहीं आया था नगर में दूध, डेयरियों पर झूले ताले, नहीं हुआ अभिषेक, खीर की जगह बना हलुआ
शिवपुरी। नगर में जारी दूधियों की हड़ताल शनिवार की रात मैराथन बैठक के बाद पूरी तरह खत्म हो गई हैं। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, एसएसपी राजेश चंदेल के निर्देश पर एसडीएम का चार्ज संभालते ही अंकुर गुप्ता ने पहली परीक्षा हड़ताल खत्म कराकर पास कर ली हैं। हालाकि गणेश जायसवाल भी कामयाब रहे थे लेकिन दूधियों ने आज वादे से मुकरते हुए दूध न लाकर परेशानी बढ़ाई। इसके बाद एडवोकेट विजय तिवारी ने जनता की ओर से जोरदार पक्ष रखते हुए बैठक बुलाने का आग्रह प्रशासन से किया। प्रेम स्वीट्स के संचालक राजेश जैन राजू ने मुख्य भूमिका निभाते हुए एसडीओपी अजय भार्गव, तहसीलदार नरेश गुप्ता, पटवारी प्रमोद शर्मा, टी आई अमित सिंह की अगुआई में बैठक की। जिसमें दूधियों और डेयरी वालों के पक्ष को एसडीएम अंकुर गुप्ता ने सुना। अंत में बीती रात हुए निर्णय पर डेयरी वाले अड़े रहे लेकिन दूधिए नहीं माने उन्होंने कल की बैठक से पहले प्रेम स्वीट्स पर हुई बैठक के निर्णय को लागू करने को कहा। जिसके बाद एसडीएम ने कहा की दोनों पक्ष जनता की सोचिए जिस पर अतिरिक्त भार नहीं पड़े। दूध महंगा होगा तो उत्पाद भी महंगे होंगे। जिसके बाद एडवोकेट तिवारी ने दुधीयों को राजी किया की जो उनके बड़े हुए दाम पर दूध ले उसको दें। जो डेयरी वाला नहीं ले उसको नहीं दें। इसके बाद दूधिए राजी हुए। फिर दोनों पक्षों को एसडीएम ने समझकर हड़ताल खत्म करवाई। जनता को दो रेट पर मिलेगा दूध 47 और 49
जनता को दो रेट पर दूध मिलेगा। जो लोग दूधियों से 45 खरीदेंगे वो 49 में दूध बेचेंगे और जो दुकानदार बाहर से दूध मंगवाएगे वो 47 में बेचेंगे। अधिकांश डेयरियों पर 47 रुपए लीटर दूध मिलेगा।
रविवार से खुलेगी डेयरी, मिलेगा दूध
आज नहीं आया था नगर में दूध
महाशिवरात्रि के दिन लोगों को नगर में दूध के लिए परेशान होना पड़ा। जिन लोगों ने सांची पार्लर से सुबह दूध ले लिया वे फायदे में थे और उनके घरों पर हलुआ नहीं खीर बनी जबकि जिनको दूध नहीं मिला वे परेशान हुए। हालत ये हुई की मंदिर में अभिषेक तक नहीं हुए। इसके पहले शुक्रवार की रात धमाका पर दुधियो के मुखिया कोक सिंह आदि ने घोषणा की थी की दाम बढ़ने के बाद हमने हड़ताल खत्म कर दी लेकिन सुबह दूधिए नगर में नहीं आए। जिससे लोगों को परेशान होना पड़ा और डेयरी पर ताले झूलते रहे।

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