Responsive Ad Slot

Latest

latest

सैनिटरी पैड, कचरे से पर्यावरण को बचाने के लिए, कन्या विद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक इंसीनेटर की हुई स्थापना

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
बच्चियों के साथ साथ शिक्षको एवम संस्था के संयुक्त प्रयास से सेनेटरी नेपकिन के सुरक्षित निस्पादन के लिए पहल रंग लाई
शिवपुरी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह सैनिटरी पैड्स का का कचरा पर्यावरण को एक गंभीर चुनौती है। इससे निपटने के लिए अब वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिसके तहत सैनिटरी नैपकिन कचरे को उपयोग के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंसीनेटर में डालकर पांच मिनिट्स में सुरक्षित निस्पादन हो सकता है। हर साल देश में करीब 12 अरब सैनिटरी नैपकिन कचरे के रूप में लैंडफिल में समा रहे हैं और वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कचरा पर्यावरण को एक गंभीर चुनौती है । इससे निपटने के लिए हर संस्थान में ऐसे नवाचार को जो की आज शक्ती शाली महिला संगठन समिति द्वारा महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोर्ट रोड शिवपुरी में विद्यालय परिवार के शिक्षको एवम एक सैकड़ा से अधिक छात्राओं द्वारा अपना अंशदान इस मुहिम के लिए दिया जिसमे की संस्था की टीम ने भी सहयोग किया । प्रोग्राम समन्वयक रवि गोयल ने कहा कि अब विद्यालय की 500 से भी अधिक छात्राओ को सेनेटरी नेपकिन के सुरक्षित निस्पादन के लिए आज अहमदाबाद से मंगाई गई इलेक्ट्रॉनिक इंसीनेटर मशीन की स्थापना सह जागरूकता प्रोग्राम आयोजित किया जिसमे आज 300 से अधिक छात्राओं को इंसीनेटर के उपयोग करने के बारे में स्वच्छ भारत मिशन के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी द्वारा विस्तार से समझाया गया उन्होने स्कूल एवम बालिकाओं के इस कदम को मध्य प्रदेश के हर एक कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए जरूरी बताया उन्होंने कहा की शिवपुरी के इस पहल को पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए अगर सैनिटरी नैपकिन का सुरक्षित निस्पादन हर एक कन्या विद्यालय करे तो ये पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा होगा। पोग्राम में रवि गोयल ने कहा की भारत में 350 मिलियन मासिक धर्म वाली महिलाओं की आबादी के लिए, मान लें कि 35% महिलाएं महीने में औसतन 8 पैड के हिसाब से नियमित रूप से सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं, तो प्रतिदिन लगभग 200 टन सैनिटरी नैपकिन कचरा उत्पन्न होगा!
इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमें भारत में सैनिटरी नैपकिन के निपटान के लिए स्थायी विकल्पों की सख्त जरूरत है। आज विद्यालय में लगाई गई ऑटोमैटिक इलेक्ट्रॉनिक इंसीनेटर भी एक अच्छा विकल्प है। हम आने वाले समय में भी अन्य विद्यालय एवम अन्य संस्थानों में इस मुहिम को लेकर जायेंगे एवम हर संस्थान में महिलाओ के लिए सुरक्षित सेनिटेरी नैपकिन निस्पादन की इलेक्ट्रॉनिक इंसीनेटर एवम सैनिटरी पैड्स बैंडिंग मशीन हो इसके लिए प्रयास करेंगे। आज विद्यालय के प्रिंसिपल डी आर करन ने इस अवसर पर बताया की विद्यालय परिवार द्वारा 5200 रुपए एकत्रित करके एवम शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा सहयोग राशि से हमने अहमदाबाद से 6999 रुपए में ये मशीन लगवाई है  इसका सब बालिकाओं को अच्छे से उपयोग करना है एवम इसकी सुरक्षा एवम सावधानी भी आपके हाथ में है इसीलिए जब भी सैनिटरी नैपकिन का सुरक्षित निस्पादन इस इंसीनेटर में करे इसके लिए विधालय की शिक्षिका अनिता जैन को नोडल नियुक्त किया है। आज के प्रोग्राम में तीन सैकड़ा छात्राएं  , स्कूल के शिक्षकगण, शक्ती शाली महिला संगठन की टीम, युवा उद्यमी वैभव, अतुल त्रिवेदी ने मुख्य भुमिका अदा की। इसके साथ साथ रिमझिम नामदेव, तनु शाक्य, मुस्कान शिवहरे, नैसी रावत, नंदनी यादव, अनुष्का रायन, आएशा राय एवम तनवी खान ने अन्य छात्राओ को इंसीनेटर मशीन के बारे में बताने के लिए वॉलिंटियर रूप से तैयार किया।








कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129