शिवपुरी। हर साल दुनिया भर में 11 फरवरी का दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की सशक्त भूमिका सुनिश्चित करने के साथ-साथ लैंगिक सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 22 दिसंबर 2015 को इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी। इस दिवस को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला संघ( यूएन वूमेन) के द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जाता है अधिक जानकारी देते हुए प्रोग्राम समन्वयक राहुल ओझा ने कहा की अंतरराष्ट्रीय महिला वैज्ञानिक दिवस की इस साल इसकी थीम है ‘इक्विटी, विविधता और समावेश रखी है इसके तहत आज शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलोकला पर एक सैकड़ा छात्राओ के साथ विज्ञान में महिलाओ एवम बालिकाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर प्रोग्राम किया जिसमे राहुल ने कहा की संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 फरवरी 2015 को विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था। वहीं 2015 से इस दिन को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा लागू किया गया था। बता दें कि, यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है। यह युवा लड़कियों को उनकी शिक्षा में सहायता प्रदान करता है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान करता है। यूएनजीए का लक्ष्य महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान में पूर्ण और समान पहुंच और भागीदारी हासिल करना है। वहीं, इसका लक्ष्य लैंगिक समानता हासिल करते हुए विज्ञान को बढ़ावा देना हैं। प्रोग्राम में पिंकी चौहान ने कहा की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं और लड़कियों की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा करने के लिए विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। यूनेस्को की वैश्विक प्राथमिकता लैंगिक समानता है, जो शिक्षा में लड़कियों का समर्थन करना और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करना है। आज विद्यालय की विज्ञान की छात्राए रोशनी, रानी, पूनम, प्रीयल, सबनम एवम रोशनी राजपूत ने इस दिवस पर विज्ञान में अपनी पहचान एवम जिले का नाम रोशन करने को आगे आने के साथ एक सैकड़ा छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर बिलोकला स्कूल के शिक्षक गण ने भी अपनी सहभागिता की।

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