- कथा श्रवण के साथ श्रद्धालु ले रहे हैं स्वास्थ्य उपचार का लाभ
ग्वालियर। जब तक आप के मन में अपने-पराए का भेद है तब तक ईश्वर से प्रेम करना संभव नहीं है। ईश्वर सब में विद्यमान है, इसलिए अपने-पराए के भेद से मुक्त होना चाहिए। सेवा में मेरा-तेरा नहीं होता है, परोपकार और सेवा भाव से जीवन जीना ही बेतहर होता है। संत श्रीगोपाल दास महाराज ने यह बात कही।
श्रद्धेय गुरुवाणी सेवा ट्रस्ट तथा लॉयंस क्लब ऑफ ग्वालियर की ओर से फूलबाग मैदान में आयोजित की जा रही श्रीमद् भागवत कथा एवं निःशुल्क स्वास्थ्य मेले के तीसरे दिन श्रीसंत महाराज ने ज्ञान, भक्ति और प्रभु की प्राप्ति का रोचक एवं सारगर्भित तरीके से वर्णन करते हुए कहा कि सेवा के भाव में कोई आशंका का भय न हो। क्योंकि भय ही दूसरों को परेशान करता है। इंसान में अपने अपमान का बदला लेने की तीव्र इच्छा होती है लेकिन कोई आपका सम्मान करता है और आपके प्रति आदर का भाव रखता है उसकी अच्छाईयों को कभी वापस करना नहीं चाहते हैं। जीवन में खुश रहना है तो कभी किसी भी बात का बुरा न मानें।
संतश्री ने कहा कि ज्ञान और भक्ति दोनों प्रभु को पाने के माध्यम हैं। लेकिन ज्ञान का संबंध मस्तिष्क से है और भक्ति का हृदय से। ऐसे में जब हम हृदय भाव से भक्ति करते हैं तो फिर प्रभु की कृपा का सुखद अहसास होता है।
उन्होंने कहा कि मन और तन का शुद्ध होना जरूरी है। मन शुद्ध रखना है तो भक्ति के मार्ग पर चलना है। तन शुद्ध रखना है तो आपको प्रकृति के अनुसार चलना होगा। तन-मन की शुद्धता के साथ ही साधना के लिए मन पर नियंत्रण होना जरूरी है। अमर्यादित व्यक्ति जीवन में किसी का मंगल नहीं कर सकता।
संतश्री ने धु्रव चरित्र और शिव जन्म का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रसंग सुनाने के साथ ही अपनी मधुर वाणी में अनेक भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश कर दिया। मुख्य यजमान अरविंद गोपेश्वर डंडौतिया मुरैना, परीक्षित ऋतु सिंह सैंगर, सह संयोजक अजय चोपड़ा, अनिल गॉधी, जितेंद्र भदौरिया, नितिन मिश्रा, स्वदेश भोला, डॉ. प्रदीप कश्यप एवं संजय आचार्य ने आरती की।
1230 ने कराया स्वास्थ्य परीक्षण
मेडिकल को-ऑर्डिनेटर हरीश पाल ने बताया कि निःशुल्क स्वास्थ्य मेले में शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक एवं उनकी टीम अपनी सेवाएं दे रही हैं। दूसरे दिन में मेले में 440 लोगों ने डायबिटीज, 155 ने हीमोग्लोबीन और 130 ने बीपी की जांच कराई। जबकि 505 लोगों ने सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इनके अलावा नेत्र परीक्षण भी किया गया।
दिव्यांगों को मिलेंगे कृत्रिम अंग
मेले में पंजीयन कराने वाले दिव्यांगों की जांच के बाद मौके पर ही उनके लिए कृत्रिम अंगों का निर्माण किया जाएगा। जयपुर की भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति निःशुल्क कृत्रिम अंगों का वितरण करेगी। इनके अलावा नेत्र परीक्षण कराने वाले मरीजों को जरूरत के मुताबिक चश्मे भी वितरीत किए जाएंगे। महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड की जॉच फ्री में की जाएगी।
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