डिमांड से कम आवक
कहते हैं की साख बड़ी चीज हैं अगर खराब हो जाए तो मुश्किल होती हैं। कोपरेटिव घोटाले के बाद दोषी जेल गए लेकिन अब उसे घाटे से उबारने में पसीने निकल रहे हैं। जितनी राशि की आवश्यकता हैं उससे कम की आमदनी हैं जिससे कुछ ही ग्राहकों को आधी अधूरी राशि बैंक से मिलती हैं। मेनेजर ने बताया की हम ग्राहकों की राशि देना तो चाहते हैं लेकिन राशि हैं ही नहीं।

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