जब यह तैयार हो जाता है तो किसान, स्टूडेंट, व्यापारी सभी को अनेक सुविधाएं मिलती हैं। जैसे दिल्ली - दौसा-लालसोट के बीच इस हाईवे से जयपुर से दिल्ली जाने का टाइम आधा हो जाएगा। ये प्रोजेक्ट राजस्थान समेत मप्र, महाराष्ट्र और गुजरात की तस्वीर बदल देंगे। ये एक्सप्रेस-वे बंदरगाहों, लॉजिस्टिक पार्क को कई राज्यों से जोड़ेगा। यह देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेस-वे में से एक है।
12 हजार 150 करोड़ रुपए से 247 KM लंबा एक्सप्रेस-वे हुआ तैयार
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे का दिल्ली - दौसा - लालसोट सेक्शन 247 किलोमीटर लंबा है, जिसे 12,150 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बनाया गया है। इस सेक्शन के चालू हो जाने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे रह जाएगा। इस हाईवे पर गाड़ियां 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। रविवार को ही इस एक्सप्रेस-वे को आवागमन के लिए खोल दिया गया।
सेटेलाइट से की 275 किमी दूरी कम
लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सैटेलाइट का उपयोग करके हाईवे का अलाइनमेंट ठीक किया गया, इस तकनीक की मदद लेने से दिल्ली से मुंबई के बीच 275 किमी की दूरी कम की गई है। उन्होंने दावा किया कि हम 2024 का साल खत्म होने से पहले भारत का सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर कर देंगे। गडकरी ने कहा कि जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक केबल भी डाली जाएगी, ताकि इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रक और बसें भी चल सके। इसके लिए वैज्ञानिकों की मदद भी ली जा रही है।
गहलोत ने पीएम से कहा- ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करें
उद्घाटन कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 50 सड़कों को पहले ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का फैसला हो चुका है, लेकिन इसका नोटिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ। जयपुर रिंग रोड, जोधपुर एलिवेटेड रोड पर भी जल्द काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न रीजन कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को भी प्रधानमंत्री महत्व दें और इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करें। एक प्रधानमंत्री का पंद्रह दिन के अंदर किसी राज्य में दूसरी बार आना बहुत मायने रखता है, इसलिए राजस्थान आपसे बहुत उम्मीद कर रहा है।

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