शिवपुरी। नगर के ठाकुर बाबा हाथी खाना मंदिर पर मनी महाराज द्वारा कराई जा रही श्री राम कथा में कथा व्यास नंदनी भार्गव ने कहा कि ज्ञान की अपेक्षा भक्ति का मार्ग सीधा और सरल है। कथा भी ज्ञान से नहीं कही जा सकती और न ही धन से करवाई जा सकती है, केवल ठाकुर जी की अनुभूति और विशेष कृपा से ही कथा का वाचन और भक्तों का कथा का श्रवण, संभव हो पाता है,
जेसे मनी महाराज के पास न तो ज्ञान है, और न ही धन है, लेकिन मनी महाराज ने तीन श्री मद भागवत कथायें , और इस वार ये चौथी, श्री रामकथा का आयोजन करवा रहे हैं, तो हम सवको यह मान लेना चाहिए की मनी महाराज पर ठाकुर जी की विशेष कृपा है और हम सव पर भी ठाकुर जी की कृपा वरस रही है!जिसके माध्यम, मनी महाराज हैं!
ठाकुर बाबा मन्दिर पर चल रही श्री राम कथा के पांचवे दिवस की कथा में,श्री राम वनवास की कथा श्रवण करते समय, पंडाल में कथा सुनने वाले भक्तों की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी!
वालयोगी नंदिनी भार्गव ने कहा, की हमें कुसंग से बचना चाहिए, क्योंकि, मंथरा की कुसंग के कारण ही, केकई, फिर दस इन्द्रियों को जीतने वाले, राजा दशरथ, और, सुमंत्र जेसे ज्ञानी पुरुष, सवके सव एक एक कर कोप भवन तक, कव पहुँच गये, पता ही नहीं चला!इसलिए हमको सतसंग में ही रमे रहना चाहिए!

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