*शारीरिक और मानसिक विकास को पौष्टिक आहार जरूरी प्रमोद गोयल
शिवपुरी। किशोरावस्था में शारीरिक एवं मानसिक विकास की गति सबसे अधिक होती है।किशोरावस्था में बेहतर पोषण एक सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस दौरान अच्छा पोषण स्वस्थ मातृत्व को सुनिश्चित करने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकास में भी सहयोगी होता है। यह कहना है कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एम के भार्गव जो की ग्राम कुंवरपुर में शक्ती शाली महिला संगठन, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी द्वारा किशोरी बालिकाओं एवम बालकों के लिए आवश्यक पोषण विषय पर आयोजित प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में कहा।
उन्होंने बताया कि किशोरी पोषण स्वस्थ मातृत्व की कुंजी होती है। हरी साग-सब्जी, मौसमी फ़ल, गुड एवं भूनी हुई चना, दूध के अलावा अंडे एवं मीट को शामिल करना चाहिए। इससे किशोरियों को आहार के जरिये संतुलित पोषण प्राप्त हो सकता है। प्रोग्राम में एसएमएसएस के प्रमोद गोयल ने बालिकाओं को पोषक तत्वों की सबसे अधिक जरूरत बताई उन्होने कहा की विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगभग 80 फीसद शारीरिक विकास शुरुआती किशोरवस्था में हो जाता है| कुल वजन का लगभग 65 फीसद व कुल ऊँचाई का 15 से 20 फीसद किशोरावस्था में ही प्राप्त हो जाता है|
एसएमएस के रवि गोयल ने बताया की किशोर एवं किशोरियों में उम्र के हिसाब से पोषक तत्वों की जरूरत होती है। 11 से 14 वर्ष तक आयु-वर्ग की किशोरियों में 2200 किलो-कैलोरी एवं इसी आयु-वर्ग की किशोरों में 2500 किलो-कैलोरी ऊर्जा उर्जा की जरूरत जरुरत होती है। आज एक दैनिक स्वस्थ पोषण थाली का पिक्चर प्रदर्शित किया साथ ही कृषि विज्ञान के डॉक्टर भार्गव ने कहा की केंद्र सरकार ने 2023 को मोटा अनाज या मिलेट्स बर्ष जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मना रहा है ।उन्होंने बालकिओ को मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प कराया। प्रोग्राम में आगनवाड़ी कार्यकर्ता, साहियका, आशा, शक्ती शाली महिला संगठन की टीम के साथ किशोरी बालिकाओं एवम महिलाओ ने भाग लिया।

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