शिवपुरी। जिंदगी एक सफर हैं सुहाना यहां कल क्या हो किसने जाना.....वास्तव में कल तो छोड़िए पल का कुछ पता नहीं, कुछ ऐसा ही हुआ बुधवार को मावि नौहनेहटा खुर्द पोहरी में पदस्थ शिक्षक गोविंद नारायण धानुक के साथ। जिन्होंने पोहरी में आयोजित शिक्षकों के प्रशिक्षण में दिन में सरस्वती वंदना मेरे कंठ आ बसो महारानी... सुनाकर साथियों को प्रेरित किया।साथी शिक्षकों ने उसे पूरे उत्साह से दोहराया और सारा दिन प्रशिक्षण में अपने साथियों के साथ हंसी खुशी शिक्षक गोविंद ने बिताया लेकिन कोई नहीं जानता था की दिन इतना यादगार गुजरेगा तो रात काली हो जायेगी। जिसे परिवारजन और शिक्षक गोविंद के साथी कभी भूलकर भी भूल नहीं पाएंगे। दरअसल गोविंद को देर रात ह्रदयघात हुआ जिसमें उनकी मौत हो गई। गुरुवार की सुबह जैसे ही जिले के साथियों को ये खबर लगी वे सभी शिक्षक स्तब्ध रह गए। बताया जा रहा हैं की शिक्षक गोविंद बेहतरीन शिक्षक होने के साथ-साथ संगीत प्रेमी और अच्छे गायक भी थे। वह अपने पीछे दो बेटे व एक बेटी छोड़ गए हैं। गुरुवार को उनके निधन पर शासकीय शिक्षकों सहित विभिन्न शिक्षक संगठनों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक व्यक्त किया है। धमाका टीम की तरफ से भी उनके निधन पर शोक।

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