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चैक बाउंस मामला, आरोपी पहले दोषसिद्ध, अपील में मामला रिमाण्‍ड फिर न्‍यायालय ने किया दोषमुक्‍त

रविवार, 12 फ़रवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शिवपुरी न्‍यायालय के न्‍यायाधीश जेएमएफसी अमित प्रताप सिंह ने एक चैक बाउंस के मामले में  सत्र न्‍यायाधीश दीपक गुप्‍ता के आदेशानुसार पुन: विचारण करते हुये अभियुक्‍त को दोषमुक्‍त किया है। उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त मामले में विचारण न्‍यायालय द्वारा पूर्व में आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुये सजा एवं जुर्माने से दण्डित किया था और उक्‍त निर्णय की अपील जिला सत्र न्‍यायाधीश दीपक गुप्‍ता के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी थी जिसे न्‍यायाधीश द्वारा विचारण न्‍यायालय के आदेश को रदद् करते हुयेे मामले में विचारण न्‍यायालय के समक्ष पुन: विचारण हेतु भेजा गया था। विचारण न्‍यायालय के समक्ष उक्‍त प्रकरण में पुुुन: साक्ष्‍य हुई और साक्ष्‍य के पश्‍चात न्‍यायालय द्वारा दोनों अधिवक्‍ताओं के तर्क सुनने के पश्‍चात विचारण न्‍यायालय ने अपने ही पूर्व के निर्णय को बदलते हुुये आरोपी को दोषमुक्‍त किया  कर दिया। आरोपी की ओर से पैरवी एडवोकेट भरत ओझा द्वारा की गयी। 
संक्षेप में मामला इस प्रकार है परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी महेंद्र कुमार खरे पुत्र राजेद्र खरे,  व्यवसाय शासकीय कर्मचारी, निवासी पुरानी अनाजमंडी न्यु ब्लाॅक जिला शिवपुरी एवं अभियुक्त जीतेंद्र शाक्य पुत्र कमल शाक्य, निवासी वार्ड नंबर 32, घाेसीपुरा कोहली जिला शिवपुरी, म0प्र0एक  दूसरे से भलीभांति परिचित हैं। परिवादी ने स्वयं का तीन पहिया वाहन जिसका रजिस्ट्ेशन क्रमांक एमपी 33 आर 1892, अभियुक्त को दिनांक 09.10.2017 काे एक संयुक्त शपथ पत्र लिखतम के माध्यम से 1,55,000/-रुपये (एक लाख पचपन हजार रुपये) में विक्रय किया था जिसमें अभियुक्त ने परिवादी काे 5000/-रुपये  दिए थे तथा शेष राशि अदा करने के लिए चैक क्रमांक 863441 एवं खाता क्रमांक 762701011003515, विजया बैंक शाखा शिवपुरी का अपने हस्तलेख से हस्ताक्षर करके दिया था तथा अभियुक्त ने उस लिखतम में यह भी लिखाया था कि यदि विक्रय धन राशि के 1,50,000/-रुपये उसके द्वारा चैक से राशि न दिए जाने पर परिवादी उक्त चैक डिस्आॅनर हाेने की दशा में न्यायालय द्वारा विधिक कार्यवाही  कर सकता है।

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