शिवपुरी। जिला अभिभाषक संघ के बैनर तले शनिवार को वकीलों ने पहले से लिए गए निर्णय के अनुसार लोक अदालत से दूरी बनाए रखी।
उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सभी न्यायालयों में 25 पुराने प्रकरणों को समयावधि में निराकृत करने के आदेश का अधिवक्ताओं ने विरोध किया।
उन्होंने कार्य से विरत रहते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र समाधियां, सचिव पंकज आहूजा, वरिष्ठ अभिभाषक विजय तिवारी आदि मोजूद रहे।
उन्होंने कार्य से विरत रहते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र समाधियां, सचिव पंकज आहूजा, वरिष्ठ अभिभाषक विजय तिवारी आदि मोजूद रहे।
अधिवक्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा सभी न्यायालयों में 25 पुराने प्रकरणों को नियत समयावधि में निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिवक्ताओं को सभी न्यायालयों में पुराने प्रकरणों की पैरवी के लिए उपस्थित होना पड़ता है। जिससे उन्हें अपना कार्य करने में परेशानी हो रही है। जिससे वे केसों की ढंग से पैरवी नही कर पा रहे हैं। न्यायालय में संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना भी प्रक्रिया के संचालन में बाधक बन रही है।
उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधिपति को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के माध्यम से भेजे गए इस ज्ञापन में कहा गया कि आदेश के कारण न्यायालयों में भी कार्य का अत्यधिक दबाव बढ़ रहा है। न्यायालय के अन्य नियमित कार्य नहीं हो पा रहे हैं तथा न्यायालय की प्रक्रिया समुचित रूप से प्रभावित हो रही है।
वास्तविकता यह है कि अधीनस्थ न्यायालयों में कर्मचारी स्टाफ की पूरे प्रदेश में काफी समय से कमी है। प्रकरणों की संख्या के मान से न्यायालयों की भी कमी है। जिस कारण से प्रदेश के समस्त अधीनस्थ जिला एवं तहसील न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या व निरंतर प्रकरणों की संख्या न्यायालयों की मान से बहुत अधिक है जो प्रकरणों के निराकरण में विलंब का मुख्य कारण है। इसी तरह पुलिस थानों में भी स्टाफ की कमी का हवाला दिया गया है।

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