ये लिखा हैं पत्र
रजिस्टर्ड वैधानिक सूचना पत्र अधीन धारा 80 सी०पी०सी०
विजय तिवारी एडवोकेट, "साकेत" शक्तिपुरम, वार्ड नं0 2 शिवपुरी म०प्र० सूचक
बनाम
1. जिलाधीश महोदय, मण्डल शिवपुरी म०प्र०
2. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी फतेहपुर शिवपुरी म०प्र०
सूचितगण
महोदय,
हमारे द्वारा व्यापक लोकहित में आप सूचितगण के विरूद्ध यह वैधानिक सूचना पत्र प्रचलित किया जा रहा है जो विदआउट प्रिज्युडिस समझा जावे :- 1.- यह कि मेरे द्वारा पूर्व में व्यापक लोकहित एवं भ्रष्टाचार से संबधित कई मुददो को लेकर माननीय उच्च न्यायालय एवं अन्य एजेन्सीयों को कई शिकायतें एवं जनहित याचिकायें प्रस्तुत की गई है जिनमें से अनेक जनहित याचिकाओं का निराकरण हुआ है। शिवपुरी जिले की लगभग 20 लाख से अधिक जनसंख्या के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये व्यापक लोकहित में यह वैधानिक सूचना पत्र प्रचलित किया जा रहा है।
2. यह कि आपसूचित कं0 1 जिले के प्रशासनिक मुखिया हैं तथा सूचित कं0 2 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ होकर नागरिको के स्वास्थ्य संबधी सेवाओं के प्रशासन अधिकारी के पद पर पदस्थ है। आपसूचित कं0 2 के पास नागरिकों की खाद्य सुरक्षा विभाग का दायित्व भी है।
3. यह कि दिनांक 18.02.2023 को महाशिवरात्रि पर्व पर शिवपुरी शहर में दूध उत्पादको की हड़ताल के कारण दूध उपलब्ध नहीं था तथा फतेहपुर क्षेत्र में स्थित आर्शीवाद अस्पताल के पास महाशिवरात्रि के आयोजन में ठण्डाई विवरण कार्यक्रम में दूषित ठण्डाई वितरण के कारण एक सैंकड़ा से अधिक लोग दूषित ठण्डाई पीने के कारण गंभीर रूप से बीमार होकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराये गये थे। ईश्वरीय कृपा से इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद भी कोई जनहानि नहीं हुयी जो एक चमत्कार है खादय सुरक्षा विभाग द्वारा उक्त दूषित खीर के लिये उपलब्ध दूषित दूध के संबध में कोई जांच आज दिनांक तक नहीं की गयी है।
4. यह कि संपूर्ण शिवपुरी जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही एवं मिलीभगत के चलते खादय पदार्थों की समुचित सैम्पलिंग नहीं की जाती है जिस कारण मिलावटी खाद्य पदार्थों के विक्रेताओं द्वारा खुले आम नागरिकों के जीवन से खिलवाड की जा रही है।
5. यह कि शिवपुरी शहर में दूध डेयरी वालो ने बडे-बडे गोदाम शहर के बाहरी क्षेत्रों में बना रखे है जिनमें दुग्ध निर्मित अपमिश्रित पदार्थों का संग्रहण एवं विकय किया जाता है किन्तु ऐसे किसी गोदाम पर आपसूचित क0 2 के कर्मचारीगण द्वारा कोई कार्यवाही ना कर आम नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड किया जा रहा है। आपसूचित क० 2 के कर्मचारीगण अपने शासकीय कर्त्तव्यों के निर्वहन में अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के कारण रूचि नहीं लेते है जिससे शिवपुरी जिले के नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर संकट उत्पन्न हो रहा है।
6. यह कि संपूर्ण शिवपुरी जिले में कई तेल मिल एवं मसाला उद्योग संचालित हो रहे है। उक्त तेल मिलों के द्वारा किस स्तर का खाद्य तेल बनाकर तथा मसाला उद्योग द्वारा गुणवत्ता पूर्ण मसालों का विक्रय किया जा रहा है. इसकी समुचित जांच करने का कार्य आपसूचित क० 2 के कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जाकर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसी प्रकार जिला मुख्यालय पर ही सैकड़ों की संख्या में मिठाई विक्रेताओं की सैम्पलिंग ना की जाकर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है।
7 यह कि वर्तमान में संपूर्ण देश में वैवाहिक सीजन चल रहा है। शिवपुरी शहर में ही 100 से अधिक विवाह घर संचालित है। उक्त विवाह समारोह में अधिकांश हलवाई अथवा कैटर्स द्वारा लाखों रूपयो में भोजन सामग्री बनाकर प्रदाय की जाती है। किन्तु आज तक एक भी विवाह घर में बनाये जा रहे खादय पदार्थ की सैम्पलिंग सूचित कं० 2 के अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा ना किया जाना अपने आप में आश्चर्य का विषय है।
8. यह कि संपूर्ण भारत में शासकीय डेयरी उपक्रमो एवं निजी डेयरी विक्रेताओं द्वारा दुग्ध उत्पादकों से जो दूध क्रय किया जाता है उसका भुगतान दूध में मौजूद फैट के आधार पर किया जाता है। संभवतः शिवपुरी भारत का एक मात्र ऐसा शहर है. जिसमें डेयरी वालों द्वारा दुग्ध उत्पादकों को मावा के आधार पर दूध का मूल्य अदा किया जाता है। यहां विसंगति यह है कि यदि किसी दुग्ध उत्पादक के दूध में यदि 150 ग्राम प्रतिलीटर का मावा बनता है तो डेयरी वाले उसका भुगतान निर्धारित दर से कम करके दुग्ध उत्पादक को देते है किन्तु आमजनता को वही दूध 50/- रूपये लीटर विक्रय किया जाता है। इस प्रकार शिवपुरी शहर की डेयरी दुकानों से किसी पर आज तक फैट मशीन उपलब्ध नहीं है। आमजनता के हो रहे आर्थिक शोषण से खाद्य सुरक्षा विभाग को कोई मतलब नहीं है। फैट मशीन लगाने हेतु शिवपुरी शहर में आज तक विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी है, और ना ही शिवपुरी में शहर संचालित दूध डेयरियों की निरंतर जांच आपसूचित कं0 2 के अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा की जाती हैं।
9. यह कि जनहित से जुड़े अत्यधिक संवेदनशील मुददे पर खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसी दिन शिवपुरी जिले में कोई गंभीर हादसा घटित हो सकता है। खादय सुरक्षा विभाग शिवपुरी में वर्षो से अधिकारी व कर्मचारीगण एक ही स्थान पर जमे होने से उनके द्वारा मिलावटखोरों से व्यक्तिगत संबंध स्थापित कर आमजनता को जहरीले अपमिश्रित खादय पदार्थ, मिठाईयां, मसाले, दूध एवं दुग्ध उत्पाद खुले आम मिलीभगत कर विकय करवाये जाकर आम नागरिक के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
10. यह कि शुद्ध खादय पदार्थ प्राप्त करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है किन्तु आपसूचितगण की अपने शासकीय कर्तव्यों के प्रति बरती जा रही लापरवाही एवं उदासीनता के चलते संपूर्ण शिवपुरी जिले के नागरिक अपने इस मौलिक अधिकार से वंचित हो रहे है व्यापक लोकहित में आप सूचितगण से अपेक्षा की जाती है कि शिवपुरी जिले में बिकने वाले समस्त मिलावटी अपमिश्रित खादय पदार्थों की गुणवत्ता की व्यापक जांच कर मिलावटखोरो के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करें अन्यथा की दशा में विवश होकर हमें नागरिकों के जीवन की सुरक्षा से जुड़े उक्त महत्वपूर्ण विषय को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका प्रस्तुत करने हेतु बाध्य होना पड़ेगा जिसके समस्त खर्चे की जबावदेही आप सूचितगण की होगी।
खादय सुरक्षा विभाग शिवपुरी के कर्मचारियो की लापरवाही एवं जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड संबंधी उक्त वैधानिक सूचना पत्र की एक प्रति आयुक्त महोदय, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल की ओर भी प्रेषित की . जा रही है। इति दिनांक :- 23.02.2023
भवदीय

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें