आइए देखिए क्या लिखा डॉ अजय खेमरिया ने
०देश की राजधानी में निपुण का होना….०
नई दिल्ली में यूं तो अक्सर कई बड़े लोगों के घर, दरबार जाना होता है लेकिन इस बार एक ऐसी जगह जाना हुआ जहाँ पहुँचकर शिवपुरी के साथ एक गौरव भाव अनुभूत हो रहा था। दिल्ली में जंगपुरा की गिनती एलीट क्लास की वीथिकाओं में होती है।हो भी क्यों नही के टी एस तुलसी से लेकर मीनाक्षी लेखी जैसे कानूनविदो के दफ्तर इसी जंगपुरा में जो हैं।
इसी जंगपुरा में अब हमारा शिवपुरी एक सशक्त पहचान के साथ खड़ा हो तब हमें गर्व की अनुभूति स्वाभाविक ही है।
राजधानी में यह किसी अनुकम्पा या पृष्ठभूमि के सहारे नही बल्कि विशुद्ध प्रतिभा औऱ,ध्येयनिष्ठ साधना के प्रतिफल स्वरूप।
नाम:निपुण सक्सेना
पहचान: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सबसे प्रतिभाशाली वकीलों में एक
पता: जंगपुरा नई दिल्ली
वैशिष्टय: उम्र से कई गुणा आगे की व्यस्तता और अपार संभावनाओं से भरे चमकदार भविष्य के स्वामी होने के बाबजूद जड़ों से अटूट जुड़ाव।अदभुत पारिवारिक संस्कार।
बेशक निपुण सक्सेना शिवपुरी के लिए कानूनवेत्ता के रूप में एक कोहिनूर हैं।
जंगपुरा के पॉश इलाके में उनके निजी दफ्तर पर जिस तरह लोगों की आमदोरफ्त है वह उनकी प्रतिभा को प्रमाणित करती है।खुद जूनियर उम्र के वकील है लेकिन उनके दफ्तर में जूनियरों की भीड़ है इंटर्नशिप के लिए देश भर से स्टूडेंट्स की वेटिंग हैं।करीब 50 देशों की यात्राएं कर चुके इस छोटे शहर के बड़े कानूनविद की दलीलें सुप्रीम कोर्ट ही नही देश के 17 हाईकोर्ट में भी सुनी जा रही है।
बड़े वकील महंगे क्यों होते है यह निपुण के दफ्तर जाकर समझ आता है लेकिन निपुण फीस में महंगे भी औऱ संवेदनशील भी है।बीसियों ऐसे केस बगैर प्रचार के भी लेते हैं जो पीड़ित मानवता औऱ वास्तविक जरूरतमन्दों की श्रेणी में आते हैं।
इंसान यश और धन से ही बड़ा नही बनता अगर बनता ही है तो निपुण पर ईश्वर की कृपा इन मानकों पर भरपूर है, लेकिन इंसान को बड़ा बनाती है उसकी विनयशीलता औऱ जमीन से जुड़ाव।
निपुण दोनों मानकों पर खड़े बड़े वकील हैं।

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