dhamaka Union Budget 2023: देश के आम बजट का आम से लेकर खास तक को इंतजार रहता है। देश की जनता को सबसे ज्यादा जिस बात का इंतजार रहता है, वो है कि उसकी जेब का बोझ कम हुआ या फिर बढ़ गया। आज वही दिन था जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट (Budget 2023-24) पेश कर दिया है। वित्त मंत्री सीतारमण का ये लगातार पांचवां बजट है. इसके साथ ही मौजूदा मोदी सरकार (Modi Govt) का आगामी 2024 आम चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट है। बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लिए कई घोषणाएं की गईं, लेकिन आम आदमी की जेब पर किस चीज का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी, आइए जानते हैं कि क्या हुआ महंगा और क्या सस्ता।
खिलौने, साइकिल और लीथियम बैटरी सस्ती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव किया गया है। खिलौनों पर लगने वाले सीमा शुल्क घटाकर 13 फीसदी किया गया यानी अब खिलौने सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा साइकिल को भी सस्ता किया गया है। लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी में राहत दी गई है।
मोबाइल फोन-EV इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगे सस्ते
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में लगने वाली बैटरी से कस्टम ड्यूटी हटा दी गई हैं और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली लीथियम बैटरी पर सीमा शुल्क हटाया गया है जिससे ये बैटरियां भी सस्ती हो जाएगीं। इसका असर मोबाइल और EV की कीमतों पर भी पड़ेगा। बैटरी की कीमत घटने से कुछ मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ते होंगे।
एलईडी और देशी चिमनी के दाम घटेंगे
सरकार की ओर से टेलीविजन पैनल में आयात शुल्क 2.5 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा LED टेलीविजन सस्ता कर दिया गया है और बायोगैस से जुड़ी चीजों के दाम में भी कटौता का फैसला लिया गया है। इलेक्ट्रिक चिमनी पर आयात शुल्क में कटौती की गई है। इस फैसले के बाद इनके दाम घट जाएंगे।
ये सामान हुए सस्ते
खिलौना
साइकिल
मोबाइल फोन
मोबाइल कैमरा लैंस
ऑटोमोबाइल
इलेक्ट्रिक व्हीकल
लीथियम बैटरी
एलईडी टेलीविजन
सिगरेट-इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी
वहीं कुछ चीजें महंगी की गई हैं। उनमें सिगरेट और इंपोर्टेड ज्वैलरी शामिल हैं। सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी को बढ़ाने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक, सिगरेट पर आकस्मिक शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया। इसके बाद सिगरेट महंगी हो गई है। इसके अलावा सोना, चांदी और प्लेटिनम से बनी इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी हो गई है।
महंगे हुए सामनों की लिस्ट
सोना, प्लेटिनम
विदेशी चांदी
हीरे
सिगरेट
पीतल
विदेशी खिलौने
कपड़े
हीटिंग क्वाइल्स
टैक्स स्लैब 5 से 7 लेकिन लाभ सिर्फ नए स्लैब अपनाने वालों को मिलेगा
बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है. अब जिनकी सालाना कर योग्य आय 7 लाख होगी, उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. लेकिन इस ऐलान में एक पेच भी है. इस छूट का फायदा सबको नहीं मिलेगा यानि यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है. यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी. जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा.
इनकम टैक्स की नई दरों के अनुसार, तीन लाख तक सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं 3 से 6 लाख सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख सालाना कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख कमाई पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख कमाई पर 20 फीसदी और 15 से ज्यादा लाख सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा.
आइए कुछ खास बात की जाय फिर बाकी बजट पर कीजियेगा नजर
बजट पेश होने से पहले ही उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार के आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले का ये आखिरी पूर्ण बजट लोक लुभावन होगा। एक तरफ जहां टैक्स स्लैब में बदलाव के संकेत मिल रहे थे, तो वहीं किसानों से लेकर कोराबारियों और मजदूर वर्ग तक हर सेक्टर के लोगों को बजट में राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सरकार महिलाओं के सम्मान में एक नई सेविंग स्कीम पेश कर रही है। सीतारमण ने इसका नाम 'महिला सम्मान बचत पत्र' (Mahila Samman Saving Certificate) बताया। ध्यान रहे कि अगले वर्ष 2024 में ही लोकसभा चुनाव होना है, ऐसे में महिलाओं के लिए नई बचत योजना को नरेंद्र मोदी सरकार की शतरंजी बिसात बताया जा रहा है। मोदी सरकार के अधीन केंद्रीय योजनाओं में महिलाओं पर खास फोकस रहा है। ऐसे में महिला सम्मान बचत पत्र के ऐलान को भी महिला मतदाताओं का दिल जीतने का एक और जरिया माना जा सकता है। वित्त मंत्री ने इस बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के बजट में भी 66% की भारी-भरकम बढ़ोतरी की घोषणा की है जिसका सीधा असर महिलाओं की सुरक्षा और उनके जीवन स्तर पर पड़ता है।
महिला सम्मान बचत पत्र, क्या आइए समझें
वित्त मंत्री ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के बजट भाषण में कहा कि 'महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट' के तहत महिला और लड़कियों को अधिकतम 2 लाख रुपये की एकमुश्त राशि जमा कराने की सुविधा होगी जिस पर 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बचत जमा की मियाद दो वर्ष की है जो मार्च 2025 में खत्म हो जाएगी। यानी, अगर कोई 'महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट' स्कीम का फायदा उठाना चाहती है तो उसे मार्च 2025 तक अधिकतम दो लाख रुपये की राशि जमा करवानी होगी।
पीएमएवाई के बजट में 66% की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीब परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली 'प्रधानमंत्री आवास योजना' को भी बड़ा बूस्ट दिया है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए पीएमएवाई का बजट बढ़ाकर 79,590 करोड़ रुपये कर दिया गया जो मौजूदा वित्त वर्ष में 48 हजार करोड़ रुपये है। यानी, पीएमएवाई में मोदी सरकार ने 66 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी की है। यह भी महिला मतदाताओं को लुभाने की बेहद प्रभावी तरकीब है क्योंकि गरीब परिवारों को पक्का मकान मिलने से सबसे ज्यादा फायदा परिवार की महिलाओं को ही होता है। महिलाएं पक्का मकानों में ज्यादा सुरक्षित होती हैं और मौसम आधारित परेशानियां भी नहीं झेलनी पड़ती हैं।
मोदी सरकार के प्रति बढ़ता महिलाओं का रुझान
राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि मोदी सरकार ने महिला, दलित और लाभार्थी वर्ग का एक नया मतदाता समूह तैयार कर लिया है जो उसे 2014 के बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में ज्यादा सीटें दिलाने में कामयाब रहा है। दावा तो यहां तक किया जाता है कि मुस्लिम परिवारों की महिलाओं का रुझान भी बीजेपी के प्रति लगातार बढ़ रहा है। वहीं, राज्यों के विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय क्षत्रपों का पारंपरिक जातिगत समीकरण बिगाड़ने में भी केंद्रीय योजनाओं की बड़ी भूमिका बताई जाती है।
गरीबों के लिए मुफ्त राशन स्कीम एक साल बढ़ी
कोरोना के दौर में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस पर खर्च होने वाली पूरी 2 लाख करोड़ रुपए की रकम केंद्र सरकार दे रही है।
कोरोना के दौर में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस पर खर्च होने वाली पूरी 2 लाख करोड़ रुपए की रकम केंद्र सरकार दे रही है।
आदिवासियों के लिए 15 हजार करोड़ की स्कीम
पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। अगले 3 साल में इस योजना को लागू करने के लिए 15 हजार करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे।
पिछड़े आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इससे PBTG बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। अगले 3 साल में इस योजना को लागू करने के लिए 15 हजार करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे।
हवाई सफर सस्ता होगा, टूरिज्म बढ़ाने पर जोर
सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी ATF पर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। इससे हवाई सफर सस्ता होगा और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। राज्यों से उनकी राजधानियों या पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में यूनिटी मॉल खोलने को कहा जाएगा। यहां वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट स्कीम के तहत बनाए जाने वाले सामान का प्रमोशन और बिक्री होगी। इन्हीं मॉल्स में GI और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स भी बेचे जाएंगे।
सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी ATF पर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। इससे हवाई सफर सस्ता होगा और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। राज्यों से उनकी राजधानियों या पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में यूनिटी मॉल खोलने को कहा जाएगा। यहां वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट स्कीम के तहत बनाए जाने वाले सामान का प्रमोशन और बिक्री होगी। इन्हीं मॉल्स में GI और हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स भी बेचे जाएंगे।
मोटे अनाज के लिए ग्लोबल हब बनाने का मिशन
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मोटा अनाज यानी मिलेट्स पैदा करता है। साथ ही दुनिया में इसके एक्सपोर्ट में हमारा दूसरा नंबर है। अब सरकार हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ श्री अन्न को सपोर्ट करके नेशनल लेवल का इंस्टीट्यूट बनाएगी, ताकि भारत मिलेट्स का ग्लोबल सेंटर बन सके।डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर
सरकार ने खेती को आधुनिक बनाने के लिए इससे जुड़ी तमाम जानकारियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है। इस ओपन सोर्स से किसानों को जरूरी सूचनाएं मिल सकेंगी। इनमें खाद, बीज से लेकर मार्केट और कीमतों तक की जानकारियां शामिल होंगी।
सरकार ने खेती को आधुनिक बनाने के लिए इससे जुड़ी तमाम जानकारियां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है। इस ओपन सोर्स से किसानों को जरूरी सूचनाएं मिल सकेंगी। इनमें खाद, बीज से लेकर मार्केट और कीमतों तक की जानकारियां शामिल होंगी।
पहली नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी का ऐलान
देश में स्टार्टअप्स और शिक्षण संस्थानों के इनोवेशन और रिसर्च को सामने लाने के लिए नेशनल डेटा गर्वर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी। इससे महत्वपूर्ण डेटा तक सबकी पहुंच आसान बनेगी। सरकार का कहना है कि इससे नई तकनीक को अपनाने की प्रोसेस में तेजी आएगी।
देश में स्टार्टअप्स और शिक्षण संस्थानों के इनोवेशन और रिसर्च को सामने लाने के लिए नेशनल डेटा गर्वर्नेंस पॉलिसी लाई जाएगी। इससे महत्वपूर्ण डेटा तक सबकी पहुंच आसान बनेगी। सरकार का कहना है कि इससे नई तकनीक को अपनाने की प्रोसेस में तेजी आएगी।
सीनियर सिटीजन्स की सेविंग लिमिट दोगुनी
बजट में सीनियर सिटीजन्स के लिए सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दी गई है। उन्हें पेंशन से होने वाली आमदनी पर भी राहत मिली है।
बजट में सीनियर सिटीजन्स के लिए सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दी गई है। उन्हें पेंशन से होने वाली आमदनी पर भी राहत मिली है।
किसानों के लिए कुछ खास घोषणा नहीं
केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का ऐलान किया था, लेकिन कृषि क्षेत्र के लिए वित्त मंत्री ने वैसा कोई ठोस ऐलान नहीं किया, जिससे किसानों को सीधा फायदा उनकी जेब में आता दिखे। सरकार ने कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) 20 लाख करोड़ करने की घोषणा की, जो पिछले साल 18.5 लाख करोड़ रुपए था। यानी इस बार डेढ़ लाख करोड़ का इजाफा हुआ।इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने दो और घोषणाएं कीं।
पहला- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर
इस ओपन सोर्स से किसानों को खाद-बीज से लेकर मार्केट और स्टार्टअप्स तक की जानकारी मिल सकेगी।
दूसरा- एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड
इसके जरिए गांवों में युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने का मौका मिलेगा।
बजट में किसानों के लिए कुल जमा 9 बातें कही गई हैं…
- कृषि स्टार्टअप बढ़ाने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनेगा।
- प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपए का ऐलान।
- किसानों को लोन देने की राशि 20 लाख करोड़ रुपए की गई।
- मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूट्स ऑफ मिलेट्स बनेगा।
- 2 हजार 200 करोड़ बागवानी की उपज को बढ़ावा देने के लिए।
- खाद-बीज की जानकारी देने के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर।
- अगले 3 साल में 1 करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसर्च सेंटर स्थापित होंगे।
- पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप (PPP) मॉडल पर कपास की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों के लिए सहकार से समृद्धि प्रोग्राम चलाया जाएगा। इसके जरिए 63 हजार एग्री सोसाइटी को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें