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धमाका खास खबर: "शिवपुरी का लॉ कॉलेज जिसने 500 न्यायिक अधिकारी दिए, पीएससी अध्यक्ष से लेकर हाइकोर्ट में रजिस्ट्रार तक"

मंगलवार, 7 मार्च 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Dhamaka Special News: "Shivpuri Law College which produced 500 judicial officers, from PSC Chairman to Registrar in High Court"
-प्रदेश के हर जिले में पदस्थ हैं शिवपुरी के न्यायिक अधिकारी
-हर परीक्षा में सफलता का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है
(लेखक: शिवपुरी से डॉ अजय खेमरिया, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक)
*श्री अशोक कुमार पांडेय पूर्व न्यायाधीश एवं अध्यक्ष मप्र लोकसेवा आयोग
*श्री प्रदीप मित्तल प्रधान जिला जज श्योपुर
*श्री अशोक भारद्वाज जिला जज सीहोर
*श्री ओपीएस रघुवंशी टॉपर सिविल जज परीक्षा 2007
*श्री संजय चतुर्वेदी जिला जज 
*श्री कुलदीप जैन पूर्व सचिव मप्र मानव अधिकार आयोग
*श्री संजय अग्रवाल रजिस्ट्रार मप्र उच्च न्यायालय (परीक्षा)
*दिग्विजयसिंह सिकरवार टॉपर एमपीपीएससी सहायक प्राध्यापक लॉ
इस सूची को आप 200 की संख्या तक आगे ले जा सकते है। इसमें 100 से अधिक अभियोजन अधिकारियों एवं 200 से अधिक अन्य न्यायिक अफसरों को जोड़ लें तो आंकड़ा लगभग 500 तक पहुँचता है।इस सूची की  दूसरी खासियत यह भी है कि ये सभी एक ही महाविद्यालय के छात्र है जिसका नाम है शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी। मप्र का एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां शिवपुरी कॉलेज से विधि स्नातक कोई छात्र किसी न्यायिक पद पर पदस्थ न हो। यह कहा जा सकता है कि शिवपुरी का पीजी कॉलेज न्यायिक अधिकारियों का रचना केंद्र भी है।
 *पीएससी के अध्यक्ष से लेकर हाईकोर्ट रजिस्ट्रार तक बने हैं शिवपुरी के लॉ स्टूडेंट्स
शिवपुरी जिले से न्यायाधीश के रूप में चयनित हुए अशोक कुमार पाण्डेय ने ना केवल न्यायाधीश की भूमिका को पूरी ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ निभाया, बल्कि उनके कार्यकाल में न्यायिक इतिहास की उस महत्वपूर्ण घटना का भी यह प्रदेश साक्षी बना जब देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री और पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भी उनकी अदालत में पेश होना पड़ा था। अशोक कुमार पाण्डेय न्यायाधीश की भूमिका से आगे बढ़कर फिर मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग (पीएससी) के सदस्य और अंततः म.प्र. लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष भी बने। इसी तरह शिवपुरी की मिट्टी से न्यायाधीश बने कुलदीप जैन द्वारा भी न्यायाधीश की भूमिका के साथ-साथ मप्र राज्य मानवाधिकार आयोग के सचिव के रूप में पदस्थ रहकर गौरवपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की गयीं हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार (परीक्षा) के रूप में शिवपुरी की मिट्टी से चयनित होकर न्यायाधीश बने संजय अग्रवाल को नियुक्त किया गया है। 
शिवपुरी लॉ कॉलेज के विद्यार्थी रहे शिवपुरी जिले के ओमप्रकाश रघुवंशी ने जहाँ वर्ष 2007 में  म.प्र. पीएससी द्वारा आयोजित सिविल जज न्यायिक सेवा परीक्षा को प्रथम रैंक के साथ टॉप कर शिवपुरी के गौरव को पूरे प्रदेश में स्थापित किया। इन्हीं ओम रघुवंशी ने पुनः वर्ष 2017 में म.प्र. हाईकोर्ट द्वारा आयोजित एडीजे परीक्षा को प्रथम रैंक के साथ टॉप कर पुनः शिवपुरी जिले के नाम प्रदेश में एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि जोड़ने का काम किया। शिवपुरी लॉ कॉलेज के ही विद्यार्थी रहे दिग्विजय सिंह सिकरवार ने वर्ष 2018 में म.प्र. पीएससी द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा (लॉ) को प्रथम रैंक के साथ टॉप कर शिवपुरी जिले के हिस्से में कानून की उपलब्धियों के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण माइलस्टोन स्थापित किया। पीएससी से चयनित होकर दिग्विजय सिंह सिकरवार वर्तमान में शिवपुरी लॉ कॉलेज में लॉ के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में पदस्थ हैं। इस तरह शिवपुरी जिले से चयनित विद्यार्थियों ने अपनी उपलब्धियों के प्रतिमान ना केवल न्यायाधीश के रूप में चयनित होकर बल्कि लीगल एजुकेशन के क्षेत्र में प्रोफेसर बनकर, प्रॉसीक्यूशन के क्षेत्र में एडीपीओ के रूप में चयनित होकर और लीगल एड के क्षेत्र में लीगल एड ऑफिसर बनकर भी स्थापित किये हैं। शिवपुरी लॉ कॉलेज के विद्यार्थी रहे योगेश बंसल, शिखा शर्मा, विभूति तिवारी और दीपक शर्मा वर्तमान में लीगल एड ऑफिसर के रूप में प्रदेश के जिला न्यायालयों में गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति तक लीगल एड (विधिक सेवा) उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं। कानून के क्षेत्र में शिवपुरी की अद्भुत विशेषता रही है कि यहाँ के साधारण विद्यार्थियों ने अपने जीवन में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल कर इतिहास कायम करने के काम किया है। 
*शिवपुरी जिले से न्यायाधीशों के बड़ी संख्या में चयन के इतिहास की पड़ताल
शिवपुरी जिले से न्यायाधीशों के बड़ी संख्या में चयन के इतिहास को लेकर जब पड़ताल करते हैं तो ध्यान में आता है कि शिवपुरी जिले का लॉ कालेज ग्वालियर-चंबल संभाग में एमएलबी कॉलेज ग्वालियर के बाद संभाग का सबसे पुराना कॉलेज रहा है। 1969 में इस जिले में लॉ कोर्स की शुरुआत हुई थी। लॉ कोर्स पहले लाल कॉलेज में चलता था जहाँ आजकल गर्ल्स कॉलेज संचालित है, फिर यह पीजी कॉलेज (साइंस कॉलेज) के वर्तमान भवन में संचालित होने लगा। शिवपुरी लॉ कॉलेज से ना केवल बड़ी संख्या में न्यायाधीश बल्कि विद्वान अधिवक्ता, लीगल एड ऑफिसर, प्रॉसीक्यूशन ऑफिसर एवं प्रोफेसर भी साल दर साल यहाँ से चयनित होते रहे। प्रोफेसर चंद्रपाल सिंह सिकरवार सर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया करते थे। शिवपुरी जिले से न्यायाधीशों के चयन के गौरवपूर्ण इतिहास और भविष्य की संभावनाओं पर  प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार कहते हैं "न्यायिक सेवाओं में चयनित शिवपुरी जिले के कानून के विद्यार्थियों की इन उपलब्धियों के पीछे की असली ताकत चयनित अभ्यर्थियों का व्यक्तिगत परिश्रम और समर्पण रहा है। शिवपुरी जिले से लगातार अभ्यर्थियों के न्यायिक सेवा में चयन से प्रेरणा और प्रोत्साहन का संचार होने के कारण कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है और यही वह मूल कारण है जिसके चलते शिवपुरी जिले से अब तक एक बड़ी संख्या में चयन होते रहे हैं। 
*अशोक पांडेय भी रोल मॉडल
शिवपुरी महाविद्यालय के पूर्व छात्र रहे अशोक कुमार पांडेय की पहचान भी यहां नई पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए काफी प्रेरक रही है।श्री पांडेय की अदालत में  लालकृष्ण आडवाणी का ग्वालियर में मुकदमा चला जिसकी चर्चा इस कॉलेज में एक प्रेरणा बनी।बाद में जब श्री पांडेय मप्र लोकसेवा आयोग के सदस्य फिर अध्यक्ष बने तो इस उत्कर्ष ने भी शिवपुरी के विधि क्षेत्र को नई पहचान के साथ प्रेरणा भी दी।
हालाकि श्री पांडेय  इस बात से इनकार करते है कि वह छात्रों के लिए रोल मॉडल है अलबत्ता वह शिवपुरी के छात्रों की मेहनत को ही श्रेय देते हैं।

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