दिल्ली। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र परिसर में निर्मित वैदिक हेरिटेज पोर्टल और 64 कलाओं पर आधारित आभासी संग्रहालय कला वैभव का लोकार्पण किया। इसके पहले उन्होंने पर शहीद दिवस पर भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान केंद्रीय संस्कृति एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री गंगापुरम किशन रेड्डी, आईजीएनसीए के अध्यक्ष राम बहादुर राय, सद्स्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी, प्रसिद्ध नृत्यागना व राज्यसभा सद्स्य डॉ सोनल मानसिंह, संस्कृति सयुक्त सचिव उमा नंदूरी और अन्य गणमान्य अतिथि मोजूद थे।
लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत देश के विभिन्न गुरुकुलों से आए बटुकों (वेदपाठियो) और रोहतक के गुरुकुल से आई विदुषियो द्वारा वैदिक मंत्रोचार से हुई। इसके बाद अमित शाह ने रिमोट का बटन दबाकर वैदिक हैरिटेज पोर्टल और वर्चुअल मुजिकल कला वैभव का लोकार्पण किया। लिखित संदेश में शाह ने लिखा कि मोदी सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रही है। उन्होंने इस कार्यक्रम में बारे में ट्वीट किया। मोदी सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत के प्राचीन ग्रन्थों व पांडुलिपियों के ज्ञान को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रही है।इसी दिशा में आज @ignca_delhi द्वारा निर्मित वैदिक हेरिटेज पोर्टल का लोकार्पण किया। इससे युवा पीढ़ी वेदों व उपनिषदों के ज्ञान व परंपरा को आगे बढ़ा सकेगी। साथ ही @ignca_delhi के 64 कलाओं पर आधारित वर्चुअल म्यूजियम 'कला वैभव' का भी लोकार्पण किया।इस म्यूजियम के माध्यम से दुनिया भारत की वास्तुकला, चित्र, नाट्य, संगीत आदि समस्त कलाओं से और अधिक परिचित होगी और विश्व को भारत की वैभवशाली संस्कृति का समृद्ध इतिहास जानने में सुविधा होगी।
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा की आज 23 मार्च ऐतिहासिक दिन हैं। ये ऐतिहासिक कदम हैं। वेद न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं। इनमें वो शक्ति हैं की हर प्रश्न के उत्तर मिल सकते हैं। आज दुनिया संकट से जूझ रही है, उन संकटों का समाधान भारत के प्राचीन ग्रन्थों में है।
रामबहादुर राय ने कहा कि यह आईजीएनसीए और भारत के लिए एक अद्भुत अवसर है। उन्होंने कहा कि वैदिक विरासत का सम्बंध प्राचीन अतीत, वर्तमान समय से है और भविष्य में भी इसकी निरंतरता बनी रहेगी। पोर्टल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वेद आदिकाल से मौखिक परम्परा का हिस्सा रहे हैं और वैदिक हेरिटेज पोर्टल उसी का दस्तावेजीकरण है। अंत में डॉ. सदानंद जोशी ने कहा कि यह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के लिए बहुत आनंद का अवसर है। उन्होंने गृहमंत्री श्री अमित शाह, संस्कृति मंत्री जी. किशनी, सभी अतिथियों और आगंतुकों, वेदपाठियों और रोहतक से आई विदुषियों को कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया।
क्या है वैदिक हेरीटेजः वैदिक हेरिटेज पोर्टल को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तैयार किया गया है। वैदिक सेरिटेज पोर्टल केन्द्र का ऐसा प्रकल्प है, जिसमें भारतीय ज्ञान और संस्कृति के मूल वेद एवं सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का। उसके मौलिक अर्थात् रति रूप में ही संग्रह किया गया है। वैदिक मन्त्र लिखित न होकर द्वारा एवं दृष्ट है, जिनका हस्तांतरण गुरु-शिष्य परम्परा के माध्यम से विभिन्न प्रकृति एवं विकृति पाठों के साथ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक किया जाता है।
ग्वालियर चंबल संभाग के लिए गौरवशाली दिन, ज्योतिर्विद बृजेंद्रशरण श्रीवास्तव का आलेख शामिल
जिस वैदिक हैरिटेज पोर्टल का और 64 कलाओं पर आधारित आभासी संग्रहालय "कलावैभव" का लोकार्पण गृहमंत्री अमित शाह ने 23 मार्च 2023 को किया। यह संग्रहालय इन्दिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्टस IGNCA नई दिल्ली के परिसर में है। खास बात ये है कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के इस वैदिक हेरिटेज पोर्टल vedic heritage.gov.in के प्रेजेन्ट कॉन्टैक्स्ट में कास्मोलाजी ( ब्रह्मांड विज्ञान) में ग्वालियर के बृजेन्द्रशरण श्रीवास्तव का एक रिसर्च आलेख भी शामिल है। जिसरा शीर्षक है इण्डियन कास्मोलाजी एण्ड द यूनीवर्स ऑफ आइन्स्टीन एंड स्टीफन हाकिंग
Vedicheritage.gov.in/ Home present context, cosmology
यह शोध आलेख बृजेंद्र शरण जी ने द्वितीय विश्व वेदिक कांग्रेस बीएचयू वाराणसी में फरवरी 2007 में प्रस्तुत किया था। यह उपलब्धि ग्वालियर चंबल संभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि हैं।

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