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धमाका डिफरेंट: पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पुलिस वैन से देखिए किस तरह टकराई गाय, पलटते बची वैन तो याद आया यूपी का गैंगस्टर विकास दुबे, साबरमती जेल से प्रयागराज (Prayagraj) लाते समय शिवपुरी के पास टकराई थी गाय, कौन हैं अतीक जानिए पूरी कहानी सिर्फ धमाका के साथ

सोमवार, 27 मार्च 2023

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी से पहले बीच सड़क पर वेन रोककर ले गए वॉशरूम, तब बोला , "काहे का डर..."
*अतीक का काफिला कुछ जगहों पर रोका गया, कई जगहों पर गाड़ियों की स्पीड़ कम की गई      (फोटो -पीटीआई से साभार
Atique Ahmed Shifting: यूपी के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को साबरमती (Sabarmati Jail) जेल से रविवार शाम लेकर निकली यूपी पुलिस (UP Police) की टीम सोमवार को MP के शिवपुरी जिले की फोरलेन से गुजरी लेकिन इसी बीच कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे की अंतिम शिफ्टिंग याद आ गई जब एकाएक अतीक अहमद की पुलिस वैन से सड़क क्रॉस करती नील गाय जोरदार ढंग से टकरा गई.
(देखिए ध्यान से इस तरह टकराई थी नील गाय) टक्कर कितनी जोरदार थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं की पलक झपकते गाय की मौत हो गई और संभव था की अतीक की पुलिस वैन गुलाट खा जाती! हालाकि ऐसा नहीं हुआ. इधर पुलिस ने  कुछ जगहों पर उसके काफिले को रोका था. ऐसा ही सुबह करीब सात बजे से आसपास हुआ. मध्य प्रदेश स्थित शिवपुरी (Shivpuri) पहुंचने से पहले काफिले को रोका गया था. अतीक अहमद का वॉशरूम जाने की वजह से काफिले को रोका गया. यहां बीच सड़क पर काफिला रोका गया और उसके बाद माफिया अतीक गाड़ी से बाहर निकला. हालांकि पूरे काफिले के साथ सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. इस वक्त माफिया का बेखौफ अंदाज देखने को मिला. जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या आपको डर लग रहा है तो अतीक अहमद ने कहा, "काहे का डर..." लेकिन  जब गाड़ी को रोका गया तो मीडिया को दूर रखा गया फिर भी मीडिया पुलिस वैन तक जा पहुंची थी, किसी और को माफिया के पास नहीं आने दिया गया.
कल बोला था, ‘मुझे इनका प्रोग्राम (कार्यक्रम) मालूम है... हत्या करना चाहते हैं.’
 इससे पहले रविवार को अतीक अहमद का जवाब आया था. अतीक अहमद ने रविवार को आशंका जताई कि उसकी हत्या की जा सकती है. अहमद ने जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हत्या, हत्या.’’ जब पत्रकारों ने पूछा कि उन्हें पुलिस वैन में ले जाया जा रहा है, तो उन्हें डर क्यों लग रहा है, अहमद ने कहा, ‘‘मुझे इनका प्रोग्राम (कार्यक्रम) मालूम है... हत्या करना चाहते हैं.’’ 
यूपी पुलिस की एक टीम रविवार शाम को अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई. अतीक इस जेल में जून 2019 से बंद है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अतीक को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जो 28 मार्च को एक अपहरण मामले में आदेश पारित करने वाली है, जिसमें वह आरोपी है. अधिकारियों ने बताया कि यूपी पुलिस की टीम सुबह साबरमती जेल पहुंची थी.
Atiq Ahmed: क्या है वो मामला जिसके चलते साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा अतीक अहमद जानिए
बसपा के विधायक रहे उमेश पाल अपहरण केस (Umesh Pal  Murder case) में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल कल 28 मार्च 2023 को फैसला सुनाएंगे. कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था. 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या (BSP MLA Raju Pal Murder) कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवीलाल पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण (Umesh Pal Kidnapping) हुआ था. अतीक अहमद ने धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास लैंड क्रूजर गाड़ी से उमेश पाल को अगवा कराया था. उमेश पाल से अपने पक्ष में बयान दिलवाया था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और किसी तरह की गवाही नहीं देना चाहता.
पॉवर इतना केस तक नहीं किया दर्ज
यूपी में सपा की सरकार और अतीक के सत्ताधारी पार्टी के सांसद होने की वजह से उस वक्त उमेश पाल की एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी. साल 2007 में सूबे में बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. उमेश पाल ने 5 जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई. बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद, भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें एक आरोपी अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है.
उमेश पाल को कोर्ट की चौथी मंजिल से की  फेंकने की कोशिश
इसके बाद 2009 में आरोपियों पर कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया और मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ. 2016 में भी कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से उमेश पाल को फेंकने की कोशिश की गई थी. अतीक और अशरफ की मौजूदगी में उमेश पाल को अगवा करने की कोशिश भी की गई थी. पीएसी बुलाने पर उमेश पाल की जान बच सकी थी. इस मामले में कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज है. केस को प्रभावित करने के लिए अभियुक्त अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट गया था. मुकदमे का ट्रायल रोके जाने की मांग की गई थी. उमेश पाल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द केस का निपटारा करने की मांग की थी.
हत्या कर दी गई थी उमेश पाल की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया. मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए. खास बात यह रही कि उमेश पाल अपहरण में 8 अभियुक्त वही हैं जो कि राजूपाल मर्डर केस में भी अभियुक्त थे. इसी केस की पैरवी से लौटने के बाद 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई. फायरिंग और बमबाजी कर की गई हत्या में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर भी मारे गए. उमेश पाल अपहरण केस में धूमनगंज थाने में आईपीसी की धारा 147,148, 149, 364 ए, 341, 342, 504, 506, 120बी और 7 सी एल ए एक्ट में एफआईआर दर्ज है.
आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो सकता हैं!
इन धाराओं में हथियारों के साथ 5 से ज्यादा लोगों पर मारपीट कर बंधक बनाकर गाली और जान से मारने की धमकी देते हुए अपने पक्ष में गवाही कराने का मामला दर्ज है. कानून के जानकारों की मानें तो इन धाराओं में अतीक अहमद को आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा मिल सकती है. उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी. राजू पाल हत्याकांड के 8 गवाहों पर दबाव डालकर अतीक अहमद ने बयान बदलवाया था. बसपा सरकार बनने के बाद उमेश पाल के अलावा अन्य गवाहों ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी. सादिक, सैफुल्ला और महेंद्र सिंह पटेल ने भी एफआईआर दर्ज कराई थी. महेंद्र सिंह पटेल राजू पाल का ड्राइवर था. इसके मुकदमे का ट्रायल अभी चल रहा है.

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