विश्व प्रसिद्ध बेलुड़ मठ (Belur Math) पश्चिम बंगाल कलकत्ता में हुगली नदी के तट पर स्थित है जो रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है। इस मठ के भवनों की वास्तु में सभी धर्मो की एकता का प्रतीक है। इसकी स्थापना 1887 में स्वामी विवेकानन्द ने की थी।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर के दर्शन कर हुगली नदी के किनारे से फेरी में बैठकर नदी पार कर मठ तक जाते हैं जिसका किराया मात्र 11/- है। (फेरी एक नौका एक जहाज ,जलयान या उभयचर वाहन है जो यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है) 40 एकड़ भूमि पर स्थित मठ के प्रांगण में स्वामी रामकृष्ण परमहंस, शारदा देवी, स्वामी विवेकानंद और स्वामी ब्रह्मानन्द की देहाग्निस्थल पर उनकी समाधियाँ व भव्य मन्दिर बने है।
रामकृष्ण मठ व मिशन के इतिहास और विचारधारा को प्रदर्शित करने हेतु एक भव्य संग्रहालय भी यहाँ निर्मित है। स्वामी विवेकानन्द की पूर्वपरिकल्पना के अनुसार मठ प्रांगण का अभिन्यास को उनके शिष्य स्वामी विज्ञानानन्द ने तैयार किया था। यहां परमहंस (एक संस्कृत धार्मिक उपाधि जो हिंदू आध्यात्मिक शिक्षकों पर लागू होती है जो प्रबुद्ध हो गए हैं अर्थात "सर्वोच्च हंस") के दर्शन होना अत्यंत सौभाग्य की बात है।
परिसर मे ही एक बहुत विशाल प्रसाद कक्ष है जहां अद्भुत भोजन प्रसाद परोसा जाता है।वर्त्तमान समय में यह मठ भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है तथा स्वामी रामकृष्ण परमहंस, रामकृष्ण मिशन तथा स्वामी विवेकानंद के विश्वभर में फैले श्रद्धालुओं के लिए पवित्र तीर्थस्थल है। परिसर में स्वामी विवेकानंद का वह रूम है जहां वह रहते थे। परिसर में एक आम का वृक्ष है जिसके नीचे बैठकर वह अपने शिष्यों को ज्ञान देते थे।
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