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धमाका बड़ी खबर: आइए जान लीजिए किस तरह देख सकेंगे कूनो अभ्यारण्य में दक्षिण अफ्रीका के चीते

रविवार, 26 मार्च 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Kuno कूनो। श्योपुर जिले के कूनो अभ्यारण्य में दक्षिण अफ्रीका के चीतो को देखने के लिए साल 2024 तक का इंतजार करना पड़ेगा। इसके लिए पर्यटकों को फरवरी से कुछ पूर्व जनवरी में ऑनलाइन बुकिंग करना होगी जिसके बाद पर्यटक कूनो आकर चीतों को देख सकेंगे। इसके लिए आपको
फारेस्ट डाट एमपी आनलाइन डाट जीओवी डाट इन forest.mponline.gov.in साइड पर बुकिंग करनी होगी। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों को देखने के लिए वन महकमे ने गाइड लाइन तय कर दी हैं। पर्यटकों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें खान-पान की सामग्री, प्लास्टिक बोतल, गुटखा, पान मसाला और ऐसी कोई भी वस्तु साथ नहीं ले जाने दी जाएगी जो वन इलाके में हानि पहुंचाने की वजह बन सकती है। 
दो शिफ्ट में मिलेगी इंट्री
पर्यटकों को दो शिफ्टों में जिप्सी से जंगल सफारी के लिए ले जाया जाएगा। पहली शिफ्ट सुबह छह से 11 बजे और दूसरी दोपहर तीन से सूर्यास्त तक रखी गई है। गाइडलाइन के अनुसार अभयारण्य के तीनों गेटों से एक दिन की दोनों पालियों में अधिकतम 120 जिप्सी जा सकती हैं यानी एक पाली में अधिकतम 60 वाहनों में 360 लोग जा सकते हैं। ज्यादा लोग आएंगे तो उन्हें बफर जोन में स्थित देवखो, आमझिर, नटनी खो, आमेठकिला, पालपुर किला, पालपुर ज्यू पाइंट, रणसिंह बाबा मंदिर जैसे मनोहारी स्थलों का भ्रमण कराएंगे। वाहन होंगे अनुबंधित
जंगल सफारी के लिए वन विभाग जिप्सी व अन्य वाहन, जो नेशनल पार्कों में मान्य है, के लिए निजी संस्थाओं से अनुबंध कर रहा है। एक जिप्सी में अधिकतम छह व्यक्तियो को बैठने की अनुमति रहेगी। प्रत्येक जिप्सी से वन महकमा 750 रुपये का शुल्क लेगा लेकिन अनुबंधित कंपनी अपनी सुविधानुसार पर्यटको से शुल्क लेगी। सैलानी मोबाइल व कैमरा ले जा सकते है, लेकिन मोबाइल पर बात करने पर रोक रहेगी।25 महिला गाइडों को दिया विशेष प्रशिक्षण
सैलानियों को चीतों से जुड़ी जानकारी देने और कूनों के जंगल, यहां के वन्यजीवी कीजानकारी देने का काम महिला गाइड करेंगी। इसके लिए सेंक्चुरी प्रशासन व आजीविका मिशन ने 25 महिलाओं को शिवपुरी जिले में माधव नेशनल पार्क के विशेषज्ञ व टूरिस्ट गाइडों से प्रशिक्षण दिलाया है। अधिकतर महिला व युवतियां ग्रामीण क्षेत्र की हैं और कई बीए एमए पास है, जो अंग्रेजी पढ़ और समझ सकती है। चीता विशेषज्ञ वायवी झाला के अनुसार पर्यटकों के सत्कार में निपुणता को देखते हुए महिला गाइडों को प्राथमिकता दी गई है। वन्य प्राणियों को महिलाओं के प्रति कम खूंखार माना गया है।
ये बोले अधिकारी
फरवरी में चीतों को सैलानियो के लिए खुले जंगल में छोड़ने की हमारी तैयारियां पूरी है। पर्यटकों के लिए गाइडलाइन बनाई गई है।
पीके वर्मा, डीएफओ, कूनो नेशनल पार्क।

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