शिवपुरी। मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज के शिष्य संतो द्वारा तीन दिवसीय संगीत मय श्री राम कथा सत्संग समारोह आयोजन के दूसरे दिवस महात्मा ज्ञान युक्ता नंद जी ने अपने विचार रखते हुये बताया कि भगवान का नाम जो परम सुख शांति आनंद को देने वाला हैं जिसको जानने के लिए भगवान राम कहते हैं औरहु एक सुगुप्त मत सवई कहूं कर जोर शंकर भजन विना नर भक्ति न पावई मोर, जिसे भगवान राम जानने के लिए कहते हैं जिसको जानने के बाद भगवान की हृदय स्थित भक्ति प्राप्त हो जाती है उस नाम को जानना भगवान की भक्ति को जानना है जो कलयुग मैं धर्म का सार है इसलिए हमें समय के सद्गुरु की खोज करनी पड़ेगी सत्संग से सद्गुरु की पहचान होती है आज सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज सारे विश्व में भगवान के अविनाशी नाम एवं भक्ति का ज्ञान करा रहे हैं हम भी उनकी शरण पहुंचकर भगवान के नाम तथा भगवान की भक्ति को जाने जिससे हमारा जीवन सुख शांति आनंदमय बन सके महात्मा अंबालिका वाई जी ने बताया रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा है ब्रह्म राम से नाम बढ़ वरदायक वरदान रामचरित शत कोटि मह लिये महेश जिय जान जिसे भगवान शंकर ने जाना और भगवान शंकर कहते हैं जिन हरी भक्ति हृदय नहीं आनी जीवन सब समान तेई प्राणी इसलिए हम हृदय मे रहने वाली भगवान की भक्ति को और पावन नाम जानकर अपने जीवन को महान बनाएं जो इस लोक में और परलोक में सुख देने वाला है।

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