दुश्मन को भाई मान लें वो ही तो राम हैं
बदरवास। नगर में संचालित बीटी पब्लिक स्कूल के शिक्षक एवं कवि घनश्याम शर्मा ने गत दिवस विश्व प्रसिद्ध राम कथा वाचक संत मुरारी बापू के समक्ष भगवान राम पर रचित कविता प्रस्तुत की जिस पर बापू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विदिशा के लटेरी में इन दिनों मुरारी बापू की राम कथा चल रही है जिसमें बापू ने विगत दिवस कथा के बाद देश के विभिन्न भागों से आए कवियों को सुना। इसी तारतम्य में बदरवास के राम कथा वाचक कृष्ण गोपाल महाराज के भतीजे कवि घनश्याम शर्मा ने भगवान राम पर लिखी अपनी कविता बड़े भावपूर्ण ढंग से बापू के समक्ष प्रस्तुत की जिसे सुनकर बापू हर्षित हुए और आशीर्वाद स्वरूप घनश्याम शर्मा को शॉल एवं लिफाफा प्रदान किया। उपस्थित जन समूह ने घनश्याम की राम कविता पर जोरदार तालियां बजाकर सराहना की। शिक्षक एवं कवि घनश्याम शर्मा ने बापू को अपनी किताब चलते रहो हँसते रहो अर्पित की जिसे देखकर बापू मुस्कुराते हुए बोले मैं इसको पढूंगा।
घनश्याम शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि युग तुलसी के रूप में सुविख्यात मोरारी बापू को कविता सुनाना मेरी काव्य कला का प्रदर्शन नहीं बल्कि प्रभु कृपा का समर्पण है। बदरवास नगर की इस उपलब्धि पर नगर के गणमान्य लोगों सहित अनेक लोगों ने घनश्याम शर्मा को बधाई दी हैं।
घनश्याम शर्मा द्वारा रचित भगवान राम की कविता इस प्रकार है-
रहते हृदय में दोनों ही रावण या राम हैं
रावण को जिसने मारा वो ही तो राम हैं
कहते हैं जो करते सदा वो ही तो राम हैं
सद् मार्ग पे चलते सदा वो ही तो राम हैं
चोरी कपट हिंसा अहम् रावण का काम हैं
त्यागी हृदय प्रेमी सदा वो ही तो राम हैं
माता पिता को मान दें वो ही तो राम हैं
गुरुओं को जो सम्मान दें वो ही तो राम हैं
पर नारि धन हरण ही रावण का काम है
जो जानकी पे जान दें वो ही तो राम हैं
भाई भरत को राज दें वो ही तो राम हैं
लक्ष्मण अनुज को साथ लें वो ही तो राम हैं
भाई को पैर मारना रावण का काम है
दुश्मन को भाई मान लें वो ही तो राम हैं
मानव के हैं प्रतिमान जो वो ही तो राम हैं
इंसान से भगवान जो वो ही तो राम हैं
भगवान स्वयं बनना रावण का काम है
भक्तों के हैं भगवान जो वो ही तो राम हैं
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