करैरा। करैरा से साहित्य क्षेत्र के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रमेश वाजपेयी जी के जन्मदिन के अवसर कर नगर के समस्त साहित्यकारों द्वारा ,उनके निवास सीता सेंट्रल स्कूल पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती पूजन के चित्र पर पुष्पहार अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात उपस्थित साहित्यकारों ,परिजनों एवम श्रोता बन्धुओं ने श्री रमेश वाजपेयी को जन्मदिन की बधाई दी। काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में करैरा एसडीएम श्री दिनेश चन्द्र शुक्ला उपस्थित रहे तो अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार घनश्याम योगी द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सुरेश बंधु, गहोई वैश्य धर्मशाला मंदिर अयोध्या के राष्ट्रीय अध्यक्ष भोगीलाल विलैया, जनपहल न्यूज़ हैड नरेंद्र तिवारी, सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक भगवत स्वरूप श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कवि सौरभ तिवारी द्वारा लयबद्ध गायन के साथ मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई...
सुरीले कंठ से गाई सरस्वती वन्दना ने कवि गोष्ठी को प्रारंभ में ही ऊंचाइयां प्रदान कर दीं।
कार्यक्रम का संचालन नव-प्रयोग के साथ श्री प्रमोद गुप्ता भारती द्वारा किया गया। जिसमें रचना पाठ का आमंत्रण प्रतीकात्मक शैली में किया गया।
कवि श्री रमेश चंद वाजपेयी द्वारा बेहतरीन रचना प्रस्तुत की गई.
"मुझे प्यार चाहिए"
ततपश्चात होम्योपैथी चिकित्सक और कवि श्री राजेन्द्र गुप्ता ने श्री कृष्णऔर राधा जी की होली का चित्र मनमोहक अंदाज़ में प्रस्तुत कर माहौल को रसमय कर दिया:-
"सोरह की कुल,बारी उमरिया
अल्हड़ अक्षत किशोरी
कवि सौरभ तिवारी द्वारा माँ वीणापाणी की आरती प्रस्तुत की:-
"शुभ्रज्योतसिना हँसवाहिनी
मात जगत कल्याणी की।
शब्द दीप से करूँ आरती
तत्पश्चात सौरभ तिवारी द्वारा मुक्तक रचना प्रस्तुत की गई:-
"कोई पर्ची भी ,मेरे नाम की नहीं निकली
दिले सकून के ,पैगाम की नहीं निकली
भरी पड़ी है हथेली ,मेरी लकीरों से
साहित्यकार श्री प्रमोद गुप्ता"भारती" जी की शानदार बुंदेली रचना :-
"कक्का कविता लिखबे लग गए"
प्रगतिशील लेखकसंघ के अध्यक्ष एवम वरिष्ठ साहित्यकार श्री सतीश श्रीवास्तव द्वारा सरल सहज शब्दों में सरकार पर तंज कसते हुए व्यंग्य प्रस्तुत किया:-
"तुम्हारी भी सरकार रही
हमारी भी सरकार रही।
हमारी भी बेकार रही
गोष्ठी के अंत मे गीतकार आदरणीय श्री घनश्यामदास योगी जी ने श्री रमेश वाजपेयी के जन्मदिन पर आशीर्वाद स्वरूप दोहे प्रस्तुत किये। और अपनी विशेष रचना..
"रुक जा रुक जा अरे कलेक्टर
विनती सुनजा रे"
डॉ ओमप्रकाश दुबे की कविताओं की खूब सराहना की गई.
तदोपरांत नगर से प्रतिष्ठित व्यवसायी एवम समाजसेवी सुरेश बन्धु,श्री भोगीलाल बिलैया जी, जन-पहल न्यूज़ के प्रमुख श्री नरेन्द्र तिवारी जी (पत्रकार) साहित्यकारों की रचनाओं की सराहना की।
साहित्यकार श्री प्रमोद गुप्ता"भारती" जी की शानदार बुंदेली रचना :-
"कक्का कविता लिखबे लग गए"
ने सभी को बहुत गुदगुदाया। बुंदेली रचना ने माहौल में हास्य बिखेर दिया।
प्रगतिशील लेखकसंघ के अध्यक्ष एवम वरिष्ठ साहित्यकार श्री सतीश श्रीवास्तव द्वारा सरल सहज शब्दों में सरकार पर तंज कसते हुए व्यंग्य प्रस्तुत किया:-
"तुम्हारी भी सरकार रही
हमारी भी सरकार रही।
हमारी भी बेकार रही
गोष्ठी के अंत मे गीतकार आदरणीय श्री घनश्यामदास योगी जी ने श्री रमेश वाजपेयी के जन्मदिन पर आशीर्वाद स्वरूप दोहे प्रस्तुत किये। और अपनी विशेष रचना..
"रुक जा रुक जा अरे कलेक्टर
विनती सुनजा रे"
सुमधुर कंठ से सुनाई।जिसने सबका मन मोह लिया।
डॉ ओमप्रकाश दुबे की कविताओं की खूब सराहना की गई.
एम के अकेडमी के शिक्षक विनोद कुशवाह ने कविता सुनाई तत्पश्चात साजिया खान ने गजल सुना कर गोष्ठी को एक नया मोड़ दिया-
" हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें। "
तदोपरांत करैरा एसडीएम श्री दिनेश चन्द्र शुक्ला ने सारगर्भित उद्बोधन दिया और नगर से प्रतिष्ठित व्यवसायी एवम समाजसेवी सुरेश बन्धु,श्री भोगीलाल बिलैया जी, जन-पहल न्यूज़ के प्रमुख श्री नरेन्द्र तिवारी जी (पत्रकार) साहित्यकारों की रचनाओं की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन प्रमोद गुप्ता भारती ने किया और आभार प्रदर्शन सीता सेंट्रल स्कूल के संचालक पवन वाजपेयी ने किया।
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