खनियांधाना। खनियांधाना को जिला बनाने की मांग इन दिनों जोर पकड़ रही हैं। सीएम शिवराज सिंह के दस मार्च को शिवपुरी दौरे से पहले उपेंद्र कुमार जैन ने एक बयान जारी किया हैं। जिसमें लिखा हैं कि......
माननीय मुख्यमंत्री जी. म.प्र. शासन जन आर्शीवाद यात्रा.
समग्र विकास के लिये, ऐतिहासिक नगरी खनियांधाना को जिला बनाओ
खनियांधाना को जिला केंद्र बनाने के लिए पर्याप्त आधार (1) खनियाधाना स्वतंत्र भारत में विलीन की गई 600 स्वतंत्र रियासतों मे से एक थी यहां के राजा खलकसिंह जूदेव ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में पर्याप्त परोक्ष सहयोग प्रदान किया है, चंदशेखर आजाद जैसे स्वाधीनता सेनानियों की यह शरण स्थली एवं प्रशिक्षण स्थली रही है। रियासतों के विलीनीकरण के समय भारत सरकार ने वचन दिया था कि, खनियांधाना को जिला केंद्र का दर्जा मिलेगा, पर भारत सरकार ने दिया वचन आज तक पूरा नही किया।
(2) खनियांधाना से जिला मुख्यालय शिवपुरी 110 कि.मी. से भी अधिक दूरी पर है। इस कारण खनियांधाना का विकास संभव नही है। यहां से जिला अशोकनगर, जिला दतिया और उत्तरप्रदेश के जिला झांसी और ललितपुर भी लगभग 100 कि.मी. दूर है।
(3) खनियांधाना, ग्वालियर-चंबल संभाग की सबसे बड़ी तहसील है। खनियांधाना ब्लॉक में 101 ग्राम पंचायतें है।
(4) अनूपपुर, डिडोरी, अलीराजपुर और आगर मालवा जिला केंद्र बन सकते है, तो खनियांधाना क्यों नही ?
जिले का क्षेत्रफल
खनियांधाना और पिछोर दो तहसीले दतिया जिले का बसई क्षेत्र कोलारस तहसील का रन्नोद क्षेत्र मिलाकर जिला केंद्र बनाया जाए जो अनूपपुर और डिडोरी जिलों से डेढ़ गुना से अधिक क्षेत्रफल बनेगा।
कलैक्टेट कार्यालय कहाँ बने
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