अहाते वाला फैसला आसान नहीं था
नई शराब नीति में अहाते बंद करने का फैसला लिया गया है। सीएम शिवराज ने कहा कि अहाते वाला फैसला आसान नहीं था। कई तर्क दिए गए। कइयों ने इसे बुनियादी अधिकार बताया। मौलिक अधिकार का हनन कहा। लेकिन अब मैं पुलिस वालों को डंडा खरीदवा रहा हूं। शराब पीने वालों की जांच भी करों । काम कठिन है, लेकिन करना होगा। कितने एक्सीडेंट होते हैं। यह समाज सुधार के नजरिये से बहुत बड़ा कदम है। यह दीदी का दृढ़ संकल्प था। इसने मुझे प्रेरणा दी कि यह करना ही चाहिए। इसके बाद फैसले पर पहुंचे। जैविक खेती और गायों को लेकर भी काम कर रहे हैं।
2003 में सरकार बनी तो उमा दीदी की वजह से
सीएम शिवराज ने कहा कि यदि 2003 में बीजेपी की सरकार बनी तो वह दीदी की वजह से। जो सच है, वो सच है। दीदी मैं आभारी हूं। सरकारें कहती थीं कि पैसों का इंतजाम कैसे होगा। दीदी मैं आपका आभारी हूं कि क्या पूजा कि आज तक पैसे की कमी नहीं पड़ी। शायद ये आपकी तपस्या का परिणाम ही है। सीएम शिवराज ने उमा भारती को समाज सुधारक भी कहा। शिवराज ने कहा कि मैं उमा दीदी में कई रूप देखता हूं। वे मुझसे छोटी हैं, लेकिन मेरी दीदी है। मैं दीदी में मां को भी देखता हूं। मुझे लगता है कि दीदी की गोद में सिर रख दूं और वह मां की तरह मुझे दुलार करें। मैं दीदी में बेटी भी देखता हूं। कई बार लड़ती हैं। मैं उनमें मित्र भी देखता हूं। वे संन्यासी होकर भी जगत की सेवा करती हैं। शिवराज की यह बात सुनकर उमा भारती भावुक हो गई।
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