भोपाल। प्रदेश सरकार के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मध्य प्रदेश में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की घोषणा कर दी हैं। मंदिर की भूमि की नीलामी केवल पुजारियों द्वारा की जा सकती है, संग्राहकों द्वारा नहीं। जितनी जमीन मंदिरों के नाम है, उनको कलेक्टर नीलाम नहीं करेंगे, बल्कि उनको पुजारी ही नीलाम कर सकेंगे।
सरकार ने राज्य भर के पुजारियों के लिए ₹5000 मासिक मानदेय की घोषणा की। मप्र सरकार ने जो धर्म और संस्कृति को बचाने के लिए काम कर रहे हैं उन ब्राह्मणों के लिए ब्राह्मण कंट्रोल बोर्ड बनाने की घोषणा की। यह घोषणा तब हुई जब भोपाल के लालघाटी स्थित गुफा मंदिर परिसर में शनिवार सुबह परशुराम जयंती पर 'अक्षयोत्सव 2023' कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां सीएम के साथ बागेश्वर धाम के शास्त्री जी भी मौजूद थे। सीएम शिवराज ने कहा- सरकारी स्कूलों में संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती प्रारंभ कर दी गई है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 3,547 संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। प्रदेश के मंदिरों के पुजारियों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए भत्ता और संस्कृत पढ़ने वाले कर्मकांडी बच्चों को स्कॉरशिप देने की पहल की गई है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा कि धर्म और शास्त्र दोनों की आवश्यकता है। हम यहां प्रवचन सुनाने नहीं आए हैं, हम तो भोपालवासियों के दर्शन करने आए हैं। शीघ्र ही भोपाल में कथा करेंगे। बालाजी की कृपा हुई तो भारत हिंदू राष्ट्र होगा। जातिवाद का नाता तोड़ना होगा और हम सबको एक होना पड़ेगा।

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