सीसीएफ, महंत, कलेक्टर, एसपी थे मौजूद
मंत्री श्रीमंत ने कहा अम्मा महाराज के समय से सुनती आई मंदिर के बारे में
कलेक्टर कार्यालय के सभागार में बंद कमरे में बैठक हुई। गंभीर विषय को श्रीमंत ने पूरे धीर गंभीर होकर सुना। दोनों पक्षों के तर्क सुने। फिर ये तय किया की मंदिर आस्था क्या केंद्र हैं। टाइगर अभी आए हैं लेकिन सरकार और फॉरेस्ट के नियमों का भी पालन हो और रण थंभोर, बांधवगढ़ की तर्ज पर नेशनल पार्क में श्रद्धालु दर्शनों को आते जाते रहे उसकी कोई प्रक्रिया पूरी की जाए। उन्होंने कहा की मुझे याद हैं जब अम्मा महाराज यहां से सांसद हुआ करती थीं तबसे बल्कि उससे भी कई साल पुराना ये मंदिर हैं। लाखों लोग वहां आते जाते हैं। आस्था के केंद्र पर आखिर ताला केसे लगा सकते हैं। उन्होंने बताया की इस विषय पर वन मंत्री राजा साहब से बात हुई थी। कारीडोर बनाने को कहा तो उन्होंने इनकार किया। लेकिन समन्वय से रास्ता निकाले जाने पर बात हुई। इसलिए बातचीत से हल निकालिए। कई बार आपसी समन्वय न होने से बात बिगड़ जाती हैं।
कलेक्टर रविंद्र कुमार ने शुरू की बैठक
कलेक्टर रविंद्र कुमार ने मंत्री श्रीमंत सिंधिया के निर्देश पर बलार पुर मंदिर को लेकर बैठक शुरू कर दी हैं।
बैठक से पहले मंत्री जी के सामने बोले शर्मा
हालाकि बैठक से पहले सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने कहा की हम भी किसी बात के खिलाफ नहीं लेकिन किसी को भी कभी भी मंदिर में आने जाने की छूट नहीं दे सकते। बीते दिनों मेला लगाया गया और कई वाहन भरकर कचरा पार्क में निकला। मंदिर में धर्मायोजन के पर्चे वितरित कर दिए गए लेकिन पार्क प्रबंधन से कोई अनुमति नहीं ली गई।
महंत बोले, सिर्फ इस साल पार्क प्रबंधन ने लगाया मेला तो फैला कचरा
सीसीएफ के जवाब में महंत ने कहा की आरोप गलत हैं। बीते कई सालों से मेला हम लगाते थे। तब कचरा नहीं फैलता था। इस बार पूरा मेला पार्क प्रबंधन ने लगाया। सभी से शुल्क लिया फिर भी हमने ट्रॉली आदमी लेकर भिजवाई सफाई के लिए तो उसे अंदर नहीं जाने दिया। केवल इसी एक साल में कचरा फैल गया। महंत ने कहा ये मंदिर को बदनाम करने की साजिश।

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