जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में दिव्यांग पंजा कुश्ती स्पर्धा आयोजित, विजयी प्रतियोगियों को प्रदान किए गए पुरस्कार
ग्वालियर। सही मार्गदर्शन, उचित वातावरण और प्रशिक्षण से दिव्यांग खिलाड़ियों ने खेल जगत में विश्व मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। असुविधाओं के बाद भी खेलों में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है भारत का विदेशों में भी मान बढ़ाया है। दिव्यांग खेल में ही नहीं बल्कि समाज निर्माण कार्य में भी अपना रचनात्मक योगदान दें, यह प्रयास होनें चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग द्वारा जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र ग्वालियर में गुरुवार को आयोजित जिला स्तरीय पंजा कुश्ती स्पर्धा के शुभारंभ समारोह में विभाग के अवर सचिव शैलेंद्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही।
समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी और जिला पंजा कुश्ती संघ, ग्वालियर के अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय ने कहा कि ग्वालियर ने विगत 10 वर्ष में पंजा कुश्ती खेल में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यहां प्रदेश की पहली पंजा कुश्ती खेल अकादमी बनी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए गए हैं। इन पंजा पहलवानों ने विदेश में भी अपना परचम लहराया है। मेरी आप सभी को शुभकामनाएं हैं कि सब मेहनत कीजिए और देश का गौरव बढ़ाइए।
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग की संयुक्त संचालक ऊषा पंकज शर्मा, सेवा भारती ग्वालियर के अध्यक्ष डॉ. श्रीप्रकाश लोहिया, जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र ग्वालियर के सचिव दिनेश कुमार शर्मा, समिति सदस्य प्रमोद धामानी एवं पंजा कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनीष कुमार मौर्य विशेष रूप से उपस्थित रहे।
स्पर्धा का संचालन कराने में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भारत केसरी सचिन गोयल, नेशनल रेफरी राजेश सोनी, नेशनल स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी सुजीत माहोर, क्रीड़ा भारती ग्वालियर के पूर्व जिला सचिव भूपेंद्र कांत, महिला वर्ग में सहयोग के लिए नेशनल चैंपियन श्वेता राजावत, भावना गोस्वामी तथा अंतरराष्ट्रीय रजत पदक विजेता खिलाड़ी अरविंद रजक का विशेष योगदान रहा। स्पर्धा में महिला एवम पुरुष वर्ग के विजेता खिलाड़ियों को मेडल, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के प्रशासनिक अधिकारी गिरीश कुमार पाल ने किया तथा आभार लेखापाल आशीष शर्मा ने व्यक्त किया। जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट विक्रांत अवस्थी, कृत्रिम अंग निर्माण विभाग की पीएंडओ इंजीनियर आकांक्षा गुप्ता, मनोवैज्ञानिक अजरा खान, विशेष शिक्षक रजनी मूंदड़ा, वोकेशनल काउंसलर सोनाली गोयल, जूनियर स्पीच थैरेपिस्ट नेहा शर्मा, फील्ड पब्लिसिटी असिस्टेंट रेनू मेवाफरोस तथा पीएंडओ तकनीशियन पवन तिवारी का विशेष सहयोग रहा।

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