विष्णु मंदिर का नाला देखा
इसके बाद विष्णु मंदिर पहुंचे तो यहां भी नाला गंदगी से भरा हुआ मिला। चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के सचिव विष्णु अग्रवाल जिनका अग्रवाल इलेक्ट्रिकल शो रूम पास ही हैं। उन्होंने हर साल की परेशानी से अवगत कराया। जिस पर कलेक्टर ने स्थिति का जायजा लिया। प्राइवेट बस स्टेंड पर भी यही हाल
जिसके बाद प्राइवेट बस स्टेंड के नाले में गंदगी दिखाई दी, टूटे नल बेकार बहता पानी देखकर उसे ठीक करवाने कहा।
गुमराह करता रहा नपा का अमला कलेक्टर को नहीं दिखा सका नाले में काम करती पोकलेन
कलेक्टर रविंद्र अपनी आंखों से पोकलेन को नाला साफ करते देखने इच्छुक थे लेकिन नपा का निचला अमला न सिर्फ कलेक्टर बल्कि नपाध्यक्ष और सीएमओ तक को बार बार जगह बदलकर मशीन के काम करने की बात कहते रहे बाद में पता लगा मशीन नाले में नहीं उतारी गई बल्कि किसी जगह बंद खड़ी हुई थी। जिस पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा की बारिश करीब हैं आप लोगबात को हल्के में मत लीजिए। काम ठीक से कीजिए वर्ना निलंबित कर दूंगा। मजाक बनाकर रख दिया हैं। काम की जिमेदारी नाले की अलग अलग सीमा के हिसाब से तय की जाय।
घंटे के हिसाब से ठेके पर लगी पोकलेन, बिना टारगेट खड़े खड़े बना रही लाखों
आपको जानकर हैरानी होगी की नाला सफ़ाई भी नपा के लिए किसी बड़े सेलिब्रेशन से कम नहीं हैं। नाले साफ हों या न हों लेकिन किस तरह घंटे के हिसाब से पोकलेन नपा का खजाना खाली करती हैंये कल समझ आया। जब कलेक्टर बोले, पोकलेन किस तरह काम करती हैं। जिस पर योगेश बोला, घंटे के हिसाब से लगी हुई हैं। कलेक्टर ने कहा, घंटे में कितना कार्य किया कैसे मालूम चलता हैं, तो योगेश बोला, सर घंटे के हिसाब से ही चलती। जिस पर कलेक्टर बोले, उसका टास्क तय कीजिए कितने समय में कितना एरिया पोकलेन साफ करेगी ये तो तय होना चाहिए। जिस पर कर्मचारियों की सांप सूंघ गया। इधर मीडिया साथी संजीव बाझल ने कहा की पोकलेन एक घंटे में कितना काम करती हैं उसी के हिसाब से काम करवाना चाहिए। नाले में कचरा डालने पर नाराजगी
नालों को नगर के ही व्यवसाई भरते हैं। उसमें दुकान का कचरा फेकते हैं जिससे नाले गंदे रहते। जबकि नगर को चांद पाठा से मिलने वाला पानी इसी नालेका हैं जो हर साल बारिश में चंदपाठा जाकर भरता हैं फिर साल भर उसी की सप्लाई पीने के पानी के लिए की जाती हैं तब भी लोग नाले को गंदा करते हैं। जाली लगवाने के निर्देश
नालों पर कचरा फेकने से रोकने के लिए नालों पर ऊंची जाली लगवाने की बात हुई। सीएमओ ने नोट शीट तैयार करने की बात की।राम पोर, विष्णु मंदिर के नाले नए सिरे से ऊंचे हों तैयार
नगर के राम पोर, विष्णु मंदिर के नालों में पानी निकासी की जगह कम होने से पानी नहीं निकल पाता जिससे पिछली बस्तियों में बाढ़ की हालत होती। इसलिए उन सालों पुराने पुलों को नए सिरे से बनाने की बात हुई। ये सुझाव जनता से मिले फीडबैक पर मीडिया साथी ने सुझाया। नालों की सीमा नापी जायेगी, अतिक्रमण टूटेंगे

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