Responsive Ad Slot

Latest

latest

धमाका बड़ी खबर: आज फिर 2 शावकों ने तोड़ा दम, एक गंभीर, दो माह में 6 की मौत, कूनो नेशनल पार्क साजिश या कुछ और...

गुरुवार, 25 मई 2023

/ by Vipin Shukla Mama
Kuno कूनो में तीन दिन के भीतर मादा शावक 'ज्वाला' के तीन शावकों की मौत, आखिरी बचे शावक की हालत भी गंभीर
कूनो। कूनो नेशनल पार्क में आज गुरुवार को फिर दो चीता शावकों की मौत हो गई है। मादा चीता ‘ज्वाला’ के दो और शावकों ने अंतिम सांस ले ली हैं उनकी एक अन्य की हालत भी खराब है। इससे पहले मंगलवार को उसके एक शावक ने दम तोड़ा था।  पिछले दो महीने में 6 चीतों की मौत हो गई है जिनमें तीन वयस्क और तीन शावक शामिल हैं। जिससे कूनो नेशनल पार्क स्वालों के घेरे में आ गया हैं। कोई साजिश तो चीता प्रोजेक्ट को लेकर नहीं रची जा रही। सबसे पहले 26 मार्च को मादा चीता ‘साशा’ की मौत हुई। फिर 23 अप्रैल को चीता ‘उदय’, 9 मई मादा चीता ‘दक्षा’, 23 मई को ज्वाला के एक शावक और 25 मई को ज्वाला चीता के दो और शावकों की मौत हो गई।
इन चीतों को नामीबिया से जब करोड़ों खर्च करके भारत लाया गया तो तमाम दावे किए गए थे। पीएम मोदी ने इनको अपने जन्मदिन पर जंगल में छोड़ा था। मध्य प्रदेश में कहा गया कि ‘टाइगर स्टेट’ अब ‘चीता स्टेट’ भी बन गया है लेकिन सारे दावे धरे रह गए। 
गुरुवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के हवाले से बताया गया है कि 23 मई को ‘ज्वाला’ के एक शावक की मृत्यु हुई थी। उसके बाद से ही बचे हुए 3 शावकों और उनकी मां की पालपुर में तैनात वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम एवं मॉनिटरिंग टीम द्वारा दिनभर लगातार निगरानी की गई। एक शावक की मृत्यु के बाद दिन के समय चीता ज्वाला को सप्लीमेंट फूड दिया गया। दोपहर बाद निगरानी के दौरान टीम ने पाया कि बाकी तीनों शावकों की स्थिति भी सामान्य नहीं है। तीनों शावकों की असामान्य स्थिति और भयंकर गर्मी को देखते हुए प्रबंधन एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने तुरंत उन्हें रेस्क्यू कर आवश्यक उपचार करने का निर्णय लिया।
नेशनल पार्क की तरफ से कहा गया है कि 23 मई को मौसम काफी गर्म था। दिन का अधिकतम तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस रहा। दिनभर गर्म हवाएं और लू चलने से तीन में से दो शावकों की स्थिति काफी खराब हो गई। उनका हरसंभव इलाज किया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं बचे हुए एक शावक की हालत भी गंभीर बनी हुई है। उसे पालपुर स्थित चिकित्सालय में गहन निगरानी में रखा गया है जहां उसका लगातार उपचार किया जा रहा है। उपचार के लिए नामीबिया और साउथ अफ्रीका के सहयोगी चीता विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों से लगातार सलाह ली जा रही है। फिलहाल ये शावक गहन उपचार में है और उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। वहीं मादा चीता ज्वाला फिलहाल स्वस्थ है लेकिन उसकी भी निगरानी की जा रही है।
राष्ट्रीय उद्यान की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाये गये। मादा चीता ज्वाला हैण्ड रियर्ड चीता है जो पहली बार माँ बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग 8 हफ्ते है और इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं तथा माँ के साथ लगातार चलते हैं। इन चीता शावकों ने लगभग 8-10 दिन पहले ही माँ के साथ घूमना शुरू किया था। चीता विशेषज्ञों के अनुसार सामान्यतः अफ्रीका में चीता शावकों का जीवित रहने का प्रतिशत बहुत कम होता है। स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के अनुसार पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है।














कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129